टेल्को वर्कर्स यूनियन: थाने में सुलह, निकलते ही बदले सुर

जमशेदपुर : टेल्को वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने सोमवार को मारपीट के बाद टेल्को थाने में पिछले आठ माह से चल रहे विवाद को आठ घंटे में सुलझा लिया, लेकिन थाने से निकलते ही सुर बदल गये. सोमवार रात थाने से निकलते ही अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष पहले एमजीएम फिर रेफर होकर टीएमएच में भरती हो गये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 7:59 AM

जमशेदपुर : टेल्को वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने सोमवार को मारपीट के बाद टेल्को थाने में पिछले आठ माह से चल रहे विवाद को आठ घंटे में सुलझा लिया, लेकिन थाने से निकलते ही सुर बदल गये. सोमवार रात थाने से निकलते ही अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष पहले एमजीएम फिर रेफर होकर टीएमएच में भरती हो गये. जिससे समझौते के अनुसार मंगलवार को भी यूनियन का नया एकाउंट में नहीं खुल सका. टेल्को थाना में सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी की मौजूदगी में अध्यक्ष अमलेश कुमार व महामंत्री प्रकाश कुमार के बीच हुआ सुलहनामा बेकार साबित हो गया.

शाम में टीएमएच से मिली छुट्टी : टीएमएच में भरती अध्यक्ष अमलेश का वार्ड 4 ए में और कोषाध्यक्ष प्रकाश विश्वकर्मा का वार्ड 2 ए में इलाज चल रहा है. अध्यक्ष दायें हाथ की अनामिका के टूटने और अंदरूनी चोट का इलाज करा रहे हैं. वहीं प्रकाश विश्वकर्मा की नाक की हड्डी का इलाज चल रहा है. उनका सीटी स्कैन कराया गया. एक दिन भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने मंगलवार शाम को अमलेश व प्रकाश विश्वकर्मा को छुट्टी दे दी.

अध्यक्ष ने टीएमएच में दर्ज कराया फर्द बयान

टीएमएच में अध्यक्ष अमलेश कुमार ने पुलिस को फर्द बयान दिया कि वे साेमवार को टेल्को वर्कर्स यूनियन के कार्यालय में ऑफिस बियररों के साथ मीटिंग कर रहे थे. यूनियन के सहायक सचिव कैसर खान ने कोषाध्यक्ष प्रकाश विश्वकर्मा को एक थप्पड़ मार दिया. कोर कमेटी के हर्षवर्धन सिंह ने कार्यालय में रखे रड से उन पर हमला किया. जिससे उनकी अंगुली टूट गयी. महामंत्री प्रकाश कुमार, उसके भाई दीपक कुमार गांधी, पंकज कुमार, सहायक सचिव सुभाष राय, विजय कुमार, आईपीटी प्रशिक्षु समेत करीब 25 से ज्यादा अन्य लोगों ने पकड़ कर उनके साथ लाठी-डंडे से मारपीट की. मारपीट में कोषाध्यक्ष प्रकाश विश्वकर्मा के नाक की हड्डी टूट गयी और अंदरूनी चोटें लगीं. अध्यक्ष के फर्द बयान के बाद केस दर्ज होना तय है. फर्द बयान की कॉपी टेल्को पुलिस को भेजी जा रही है. केस की प्रकृति के अनुसार 307 समेत अन्य धाराएं पुलिस लगा सकती है, जो गैरजमानती हैं.

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