दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नामित अधिकारी डॉ एस सरेन ने कहा कि ट्रेनों के पेंट्रीकार संचालक का अनुबंध एक साल का होता है. अनुबंध खत्म होने से एक माह पहले खाद्य संरक्षा को आवेदन देना अनिवार्य होता है. आवेदन नहीं देने या देर से जमा करने की स्थिति में अनुबंध रद्द भी हो सकता है.
उन्होंने कहा कि पेंट्रीकार के खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पेंट्रीकार के खाद्य सामग्री के मानक की जांच होगी. इनमें खरा नहीं उतरने वाले संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी. डॉ सरेन ने कहा कि ट्रेनों में अनाधिकृत खाद्य सामग्री विक्रेता पर शिकंजा कसा जायेगा. इसके लिये आरपीएफ और वाणिज्य टीम का गठन किया गया है. यह टीम ट्रेनों में अनाधिकृत वेंडरों व हॉकरों पर कानूनी कार्रवाई करेगी.