बच्चेदानी के मुंह से खून निकलना कैंसर के लक्षण
बढ़ रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के केस जमशेदपुर : किसी भी महिला की बच्चेदानी के मुंह से खून निकलना व पेट में दर्द होना गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इसका इलाज केमोथेरेपी या सर्जरी से संभव है. लेकिन इसमें बड़ी समस्या तब आती है, जब किसी गर्भवती महिला को कैंसर हो जाता है. […]
बढ़ रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के केस
जमशेदपुर : किसी भी महिला की बच्चेदानी के मुंह से खून निकलना व पेट में दर्द होना गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इसका इलाज केमोथेरेपी या सर्जरी से संभव है.
लेकिन इसमें बड़ी समस्या तब आती है, जब किसी गर्भवती महिला को कैंसर हो जाता है. क्योंकि ऐसे में मरीज को केमोथेरेपी नहीं दी जा सकती. उससे पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है. ऐसी स्थिति में बहुत सोच-समझ कर सर्जरी या केमोथेरेपी की जाती है, ताकि मां व बच्चे दोनों को कोई नुकसान न हो. शनिवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में जमशेदपुर आॅब्सटेट्रिक्स एंड गायनाकोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित कैंसर पर सेमिनार में उपस्थित डॉ एस के कुंडू ने यह बातें कहीं.
उन्होंने बताया कि गर्भाशय कैंसर के मामले बढ़ रहे है. ब्रेस्ट कैंसर के केस भी तेजी से सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब बिना ब्रेस्ट को हटाये आसानी से आॅपरेशन कर बीमारी को दूर किया जा सकता है.
इससे पहले सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रुचि नरेंद्रन, डॉ पंकज देसाई, सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ रागिनी सिंह, डॉ मौसमी दास घोष, टाटा मेन अस्पताल के जीएम डॉ जी रामदास, डॉ समादार ने संयुक्त रूप से किया.
इस मौके पर अतिथियों ने सोसाइटी की स्मारिका का भी विमोचन किया. कार्यक्रम में डॉ एके देवदास, डॉ शशि चावला, डॉ मानस कविराज, डॉ संगीता सिंघल, डॉ वीणा सिन्हा, डॉ भी एल डोगरा, डॉ इंदु चौहान, डॉ रूपा शेखर, डॉ सुभद्रा मल्लिक, डॉ विनीता सिंह, डॉ शबनम कुमारी, डॉ विनीता सहाय, डॉ वीणा सिंह, डॉ मंजू दुबे, अर्चना बारीक सहित कई डॉक्टर मौजूद रहे.
साइड इफैक्ट का रखें ध्यान
किसी भी डॉक्टर को कैंसर के मरीज के इलाज के दौरान उससे होने वाले साइड इफैक्ट का भी ध्यान रखना चाहिए. कैंसर की कई एेसी दवायें होती हैं, जिनसे हार्ट का प्रॉब्लम हो सकता है.
ऐसी दवाओं को कम से कम चलाने की जरूरत है. कोलकाता से आये डाॅक्टर जीएस भट्टाचार्य ने यह बातें कहीं. उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज केमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन से किया जाता है. इससे कई बार महिलाओं को बच्चा नहीं होने का प्रॉब्लम हो जाता है. उन्होंने कहा कि अगर 100 ब्रेस्ट कैंसर के मरीज का इलाज किया जाता है तो उसमें से 10 मरीजों को हार्ट की बीमारी हो सकती है. जबकि इस नयी तकनीक से 100 में 30 मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते है.