यूसिल हादसा. मुआवजे के लिए टाल-मटोल पर हंगामा
जमशेदपुर: हादसे में मृत सेफ्टी ऑफिसर सूर्यकांत सिंह व मिलन कर्मकार के परिजन को मुआवजा देने को लेकर यूसिल माइंस प्रबंधन के पदाधिकारी टाल-मटोल करते रहे. मृतक के परिवार के लोग रविवार को टाटा मेन अस्पताल पहुंचे, लेकिन यूसिल माइंस प्रबंधन के अधिकारियों ने मुआवजा पर कोई वार्ता नहीं की. इसके बाद सांसद विद्युतवरण महतो, […]
जमशेदपुर: हादसे में मृत सेफ्टी ऑफिसर सूर्यकांत सिंह व मिलन कर्मकार के परिजन को मुआवजा देने को लेकर यूसिल माइंस प्रबंधन के पदाधिकारी टाल-मटोल करते रहे. मृतक के परिवार के लोग रविवार को टाटा मेन अस्पताल पहुंचे, लेकिन यूसिल माइंस प्रबंधन के अधिकारियों ने मुआवजा पर कोई वार्ता नहीं की.
इसके बाद सांसद विद्युतवरण महतो, विधायक मेनका सरदार, जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी, उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, मोहन कर्मकार सहित कई जनप्रतिनिधियों के पहुंचने पर यूसिल माइंस के अधिकारियों ने बैठक कर मुआवजे पर चर्चा की. लंबी बैठक के बाद प्रबंधन ने मुआवजा के रूप में दोनों मृतक के आश्रितों को नौकरी देने पर हामी भर दी. लेकिन थोड़ी देर के बाद पदाधिकारी अपने फैसले से मुकर गये. महाप्रबंधक सीएच शर्मा का कहना था नौकरी देने पर बोर्ड फैसला लेता है, ऐसे में वे कोई घोषणा नहीं कर सकते. अधिकारियोें की इस घोषणा के बाद लोग भड़क गये और यूसिल के अधिकारियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुए उन्हें बैठाये रखा. उनका कहना था कि अगर पदाधिकारी मुआवजा के संबंध में कोई फैसला नहीं कर सकते तो उन्हें वार्ता भी नहीं करनी चाहिए. इधर, विधायक मेनका सरदार और राजकुमार सिंह ने प्रबंधन के अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि जब तक दोनों मृतक के आश्रितों को नौकरी नहीं दी जायेगी, तब तक उन लोगों को भी टीएमएच से नहीं जाने दिया जायेगा.
जनप्रतिनिधियों के बढ़ते दबाव और हो हंगामे के बीच यूसिल महाप्रबंधक ने अपने वरीय पदाधिकारियों से बात की उसके बाद मुआवजे की घोषणा की गयी.
घायल को मिले बेहतर चिकित्सा : अर्जुन सामद. जोश के महासचिव अर्जुन सामद के अनुसार माइंस की सुरक्षा की अनदेखी की गयी. यूरेनियम अयस्क के स्लग से गंभीर रूप से घायल कर्मियों में तालसा गांव के तुरामडीह माइंस के अंडरग्राउंड ठेका मजदूर शुकु हेंब्रम को लाइफ टाइम चिकित्सिा सुविधा मुहैया करायी जाये. तुरामडीह भूमिगत मजदूर संघ के सचिव भागवत मार्डी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में संघ हमेशा मजदूरों के साथ है.