राजनीति अछूत नहीं, मौका मिला तो देश की सेवा करूंगी : प्रेमलता

जमशेदपुर: राजनीति मेरे लिए कोई अछूत नहीं है. अगर मौका मिला तो देश की सेवा करूंगी. उक्त बातें पर्वतारोही और पद्मश्री विजेता प्रेमलता अग्रवाल ने कही. श्रीमती अग्रवाल से राजनीति में आने और भाजपा से टिकट मिलने के अटकलों के बीच हमारे संवाददाता ने बातचीत की. प्रस्तुत है उसके संपादित अंश प्रेमलता : एक अंग्रेजी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2014 9:29 AM

जमशेदपुर: राजनीति मेरे लिए कोई अछूत नहीं है. अगर मौका मिला तो देश की सेवा करूंगी. उक्त बातें पर्वतारोही और पद्मश्री विजेता प्रेमलता अग्रवाल ने कही. श्रीमती अग्रवाल से राजनीति में आने और भाजपा से टिकट मिलने के अटकलों के बीच हमारे संवाददाता ने बातचीत की. प्रस्तुत है उसके संपादित अंश

प्रेमलता : एक अंग्रेजी दैनिक ने दिल्ली से यह खबर दी है कि भाजपा आपको प्रत्याशी बना सकती है, इसमें कहां तक सच्चई है ?

जवाब : देखिये, मेरे साथ राजनीति में आने या भाजपा या किसी भी पार्टी से टिकट मिलने के लिए कोई बात नहीं हुई है. एक वक्त सिर्फ सांसद डॉ अजय कुमार ने हमको एक समारोह में कहा था कि चुनाव लड़ें, लेकिन उसके बाद किसी ने इस पर बातचीत नहीं की. अखबार में प्रणव पांडय़ा से मुलाकात की बात लिखी गयी है, उनसे रघुवर दास के आमंत्रण पर मैं गयी थी, वहां उनसे मुलाकात हुई थी, जिसमें राजनीतिक तौर पर कोई बातचीत नहीं हुई थी.

प्रेमलता : वैसे आप राजनीति को किस दृष्टिकोण से देखती है ?

जवाब : राजनीति सेवा का माध्यम है.राजनीति के माध्यम से आप आम जनता तक पहुंच सकते हैं और उनकी सेवा भी कर सकते हैं.

प्रेमलता : आप क्या राजनीति में आना चाहती है ?

जवाब : राजनीति कोई अछूता चीज नहीं है.मैंने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.

प्रेमलता : भाजपा से अगर टिकट मिलता है तो चुनाव लड़ेंगी ?

जवाब : भाजपा से या किसी पार्टी से टिकट को लेकर मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है.ऑफर मिला तो देखूंगी, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं लिया है.

प्रेमलता : पर्वत पर चढ़ना और राजनीति करना कितना मुश्किल है ?

जवाब : मैंने देश सेवा के लिए ही पर्वत पर चढ़ी थी. अमेरिका में एक बार फेल होने के बाद भी मैं फिर से कोशिश की और सफलता मिली. राजनीति कितना मुश्किल काम है, यह तो आने के बाद ही पता चल सकेगा. वैसे मैं अभी 18 व 19 जनवरी को दलमा के ट्रैकिंग पर टीम को ले जाने की तैयारी कर रही हूं और इसके लिए सारा प्रयास कर रही हूं कि कैसे ट्रैकिंग सफल हो सकेगा.

भाजपा की नजर क्यों है प्रेमलता पर

भाजपा के पास झाविमो के सांसद डॉ अजय कुमार के समकक्ष कोई प्रत्याशी नहीं है

प्रेमलता को अगर टिकट देता है तो निश्चित तौर पर गुटबाजी पर लगाम लग सकेगी

एक संदेश भाजपा देगी कि वे लोग कैसे साफ सुथरा छवि वाले व्यक्तित्व को वे लोग आगे लाना चाहते है

पार्टी को एक दमदार प्रत्याशी भी मिल जायेगा, जिसकी हैसियत राष्ट्रीय स्तर पर है.

उनके पक्ष में हर कैडर और हर गुट के लोग काम कर सकेंगे

प्रेमलता के पक्ष में आये कई कमेंट
एक अंग्रेजी दैनिक ने अपने वेबसाइट पर प्रेमलता अग्रवाल का नाम जमशेदपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबर पहले दी है. उसके बाद से उनके पक्ष में कई कमेंट आये है, जिसमें हर किसी ने उनका जोरदार स्वागत किया और ऐसे लोगों का चुनाव में आने का स्वागत किया गया है ताकि राजनीति साफ -सुथरी हो सके.

अतिक्रमण का खेल
जनता विस्थापित हुई, बस गये नेता
जमशेदपुर: विस्थापित लांग टांग बस्ती रघुवर नगर में विस्थापितों की जगह नेताओं के आशियाने चमक रहे हैं. वर्ष 2004- 05 में पुराने लांग टांग से विस्थापित हुए लोगों को रुईयां पहाड़ (कुंज बस्ती के बगल में) में कंपनी की ओर से मौखिक रूप से स्थानीय लोगों को जमीन और मुआवजा स्वरूप आर्थिक सहायता देकर बसाया गया था.

वर्तमान में विस्थापितों की संख्या कम और बाहरी लोगों की संख्या ज्यादा है. कई विस्थापित जमीन बेच कर चले गये हैं या पास की जमीन को बेच कर लोगों को बसाने का कार्य किया.

भाजपा के कई नेताओं का घर
इस बस्ती में भाजपा के कई नेताओं का आशियाना है. कई नेताओं का आशियाना अभी बन रहा है. इनकी पहुंच भाजपा के शीर्ष नेताओं तक है.

रक्षक बने भक्षक
कंपनी की ओर से जिन लोगों को अतिक्रमण रोकने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. उन लोगों ने भी अपनी पहुंच एवं राजनेताओं से सांठगांठ कर जमीन को अतिक्रमण होने से बचाने के बजाय खुद ही कई प्लांट पर कब्जा कर लिया. बाद में लाखों रुपये लेकर जमीन को बेच दिया. कई लोगों ने तो मकान बना भवन को भाड़े पर लगा दिया है.

बांस-बल्ली से अतिक्रमण
बस्ती में घुसते ही बास- बल्ला गिरा, तो समझ लीजिए कि जमीन पर किसी ने दावा ठोंक दिया है. तो कइयों ने बड़े वाहनों का टायर, गाय, कचरा फेंक कर जमीन पर दावेदारी जता दी है.

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