टायो वर्कर्स यूनियन : 55 सदस्यों का इस्तीफा

गम्हरिया. टायो कंपनी मामले में टायो वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं किये जाने से नाराज चार विभाग के 55 सदस्यों ने यूनियन की सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. सदस्यों ने अपना इस्तीफा यूनियन के कार्यालय में जाकर महामंत्री विनोद राय को सौंपा. जिन विभागों के सदस्यों ने इस्तीफा दिया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2016 8:23 AM
गम्हरिया. टायो कंपनी मामले में टायो वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं किये जाने से नाराज चार विभाग के 55 सदस्यों ने यूनियन की सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.

सदस्यों ने अपना इस्तीफा यूनियन के कार्यालय में जाकर महामंत्री विनोद राय को सौंपा. जिन विभागों के सदस्यों ने इस्तीफा दिया है उनमें फाउंड्री, मेल्टिंग, मशीनशॉप व आइफर्नेश के सदस्य शामिल हैं. सदस्यों ने बताया कि यूनियन के पदाधिकारी कामगारों के हित में सोचने के बदले प्रबंधन के पक्ष में काम कर रहे हैं. कामगारों द्वारा लगभग आठ घंटा तक गेट जाम किया गया था, लेकिन यूनियन का कोई भी पदाधिकारी उनके पक्ष में आंदोलन में शामिल नहीं हुआ.

सदस्यों ने बताया कि फिलहाल एक शिफ्ट के सदस्यों ने अपना इस्तीफा दिया है. आगे सभी शिफ्ट के सदस्य यूनियन की सदस्यता से इस्तीफा देकर पदाधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करेंगे. इस संबंध में महामंत्री विनोद राय से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

औद्योगिक नीति में है मदद का प्रावधान
औद्योगिक नीति में बीमार उद्योगों को बचाने के लिए वित्तीय मदद देने का प्रावधान है. इसके अलावा बिजली विभाग से लेकर टैक्स में भी छूट देने का प्रावधान है ताकि घाटे से कंपनी को उबारा जा सके. 2012 के औद्योगिक नीति से लेकर 2016 के ड्राफ्ट औद्योगिक नीति में यह परिस्थिति है, जिसको अमल में लाने के लिए मुख्य सचिव और उद्योग सचिव के स्तर पर बनायी गयी उच्चस्तरीय कमेटी ही फैसला ले सकती है. टायो रोल्स को बचाने के लिए इस नीति का इस्तेमाल कर सरकार मदद कर सकती है.
अब टाटा स्टील पर सारा दारोमदार
टाटा स्टील कहती रही है कि घाटे के कारण कंपनी को नहीं चलाया जा सकता है. लेकिन टायो रोल्स का बाजार है. ऐसे में सरकारी मदद भी दी जा रही है और बिजली बिल से लेकर सारा कुछ इंसेंटिव देने के बावजूद भी कंपनी को अगर बंद करने का फैसला लिया गया तो कंपनी प्रबंधन पर ही सवाल उठेगा. ऐसे में जरूरी है कि कंपनी ही कुछ आगे बढ़े

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