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करोड़ों खर्च, पर्यटक नदारद
जमशेदपुर : राज्य में पर्यटन विकास पर सरकार भारी-भरकम रकम खर्च कर रही है. हर साल इस मद में बड़ा बजट रखा जाता है. करोड़ों रुपये योजनाओं पर खर्च किये जा चुके है. बावजूद पर्यटकों को आकर्षित करने जैसा माहौल कहीं नहीं दिखायी पड़ रहा. ऐसे में कोल्हान में पर्यटन विकास का सहज अंदाजा लगाया […]
जमशेदपुर : राज्य में पर्यटन विकास पर सरकार भारी-भरकम रकम खर्च कर रही है. हर साल इस मद में बड़ा बजट रखा जाता है. करोड़ों रुपये योजनाओं पर खर्च किये जा चुके है. बावजूद पर्यटकों को आकर्षित करने जैसा माहौल कहीं नहीं दिखायी पड़ रहा. ऐसे में कोल्हान में पर्यटन विकास का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. कुल मिलकर भगवान भरोसे ही पयर्टन विकास चल रहा है.
चांडिल डैम बोट का रखरखाव नहीं : चांडिल डैम के नौका सवारी का इंतजाम तो कर दिया गया है, लेकिन इसके रख-रखाव का इंतजाम नहीं किया गया. विस्थापितों को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी गयी है, लेकिन किसी तरह की कोई सब्सिडी तक नहीं है. समिति खुद कैसे कमायेगी और कैसे संचालित करेगी, यह अब तक सवाल बना हुआ है.
दो साल में मेगा टूरिस्ट सर्किट योजना में : दो साल में मेगा टूरिस्ट सर्किट का एक ईंट नहीं रखा जा सका है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने इसका शिलान्यास 13 जनवरी 2014 को किया था. आज तक एक ईंट के अलावा कुछ भी नहीं रखा जा सका है. इसके जरिये पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना था. इसके लिए सरकार की ओर से कोई फंड तक उपलब्ध नहीं कराया गया है.
सीतारामपुर डैम में भी कोई इंतजाम नहीं
आदित्यपुर-गम्हरिया के बीच स्थित सीतारामपुर डैम का भी यहीं हाल है. बेजान सा यह स्थल बना हुआ है. इस डैम पर पर्यटन विभाग की ओर से बैठने का इंतजाम तो किया गया था, लेकिन वह भी अब बेकार हो चुका है. सुरक्षा के अभाव में यहां अासमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.
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