पांच और सात साल के पेंच में फंसी वार्ता

जमशेदपुर: टाटा स्टील में वेज रिवीजन को लेकर मैनेजमेंट और यूनियन के बीच जिच कायम है. समयसीमा को लेकर विवाद चल रहा है. मंगलवार को यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू के साथ वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारियों की बैठक हुई. इसमें मैनेजमेंट के अधिकारियों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2014 9:46 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील में वेज रिवीजन को लेकर मैनेजमेंट और यूनियन के बीच जिच कायम है. समयसीमा को लेकर विवाद चल रहा है. मंगलवार को यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू के साथ वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारियों की बैठक हुई. इसमें मैनेजमेंट के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी हाल में सात साल से कम का वेज रिवीजन नहीं करेंगे.

यूनियन पांच साल का ही वेज रिवीजन करने पर अडिग था. इस दौरान मैनेजमेंट ने स्पष्ट किया कि अगर वेज रिवीजन करेंगे और समय पांच साल का होगा तो मिनिमम गारंटीज बेनीफिट (एमजीबी) ज्यादा नहीं किया जा सकता है. इसको लेकर जिच बरकरार है. बुधवार को भी वेज रिवीजन को लेकर नया रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे.

अंतरिम पर कोई बातचीत यूनियन ने नहीं की
वेज रिवीजन का रास्ता नहीं निकलने के बावजूद अब तक यूनियन की ओर से कोई प्रस्ताव अंतरिम वेज रिवीजन समझौता करने के लिए नहीं दिया गया है. इसको लेकर यूनियन ने चुप्पी साध ली है, जो सवालों के घेरे में है. वहीं, मैनेजमेंट भी नहीं चाहता कि अंतरिम राशि का समझौता किया जाये.

मैनेजमेंट भी जल्द वेज रिवीजन करने की तैयारी में है. इसके लिए मैनेजमेंट दबाव बना रहा है. चूंकि, वेज रिवीजन में देर होगी तो एरियर की राशि बढ़ती जायेगी, इस कारण सबसे ज्यादा परेशानी होगी.

अंतरिम पर बात नहीं
वेज रिवीजन बेहतर करने की कोशिश हो रही है. लेकिन अंतरिम पर कोई बातचीत नहीं हो पायी है. हम लोगों के समक्ष समय को लेकर चुनौती है, जिसके दूर होने के बाद ही किसी तरह का कोई फैसला लिया जायेगा.

-बीके डिंडा, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन

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