बैंकों ने लोन को लेकर नियमों में किये बदलाव

जमशेदपुर : बैंकों ने लोन को बढ़ाने के लिए कई सारे नियमों में बदलाव किये हैं. अब होम लोन मिलना आसान हो जायेगा. इसके लिए बैंकों की ओर से आवश्यक कदम उठाया गया है. बैंकों की हुई बैठक में खास तौर पर टाटा लीज एरिया हो या फिर सीएनटी एक्ट की जमीन या फ्लैट, सब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2016 9:39 AM
जमशेदपुर : बैंकों ने लोन को बढ़ाने के लिए कई सारे नियमों में बदलाव किये हैं. अब होम लोन मिलना आसान हो जायेगा. इसके लिए बैंकों की ओर से आवश्यक कदम उठाया गया है.

बैंकों की हुई बैठक में खास तौर पर टाटा लीज एरिया हो या फिर सीएनटी एक्ट की जमीन या फ्लैट, सब पर लोन कैसे दिया जा सकता है, इसके सारे विकल्पों को सुधारते हुए नया पैमाना तय किया गया है. होम लोन से लेकर कृषि लोन तक आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
होम लोन सीएनटी में भी संभव, कई बैंकों ने लोन देना शुरू किया
आदिवासियों को लोन (ऋण) देने का जो पैमाना तय किया है, उसके मुताबिक, अगर होम लोन लेना है, तो लोन की राशि की 30 फीसदी बैंक को गारंटी के रूप में देनी होगी. अर्थात, अगर एक लाख रुपये लोन लेना है, तो 30 हजार रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी या अपनी संपत्ति को मोर्टगेज (बंधक) रखना होगा. आदिवासियों को पांच साल से ज्यादा का कोई लोन नहीं मिलेगा. बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इसकी शुरुआत कर दी गयी है. आदिवासी समुदाय को पांच साल से ज्यादा 10, 15 या 20 साल तक लोन का दायरा बढ़ सकता है, लेकिन इसके लिए उपायुक्त की अनुशंसा जरूरी है. अगर उपायुक्त अनुशंसा करें कि व्यक्ति की जमीन को बंधक (मोर्टगेज) के रूप में 20 साल तक रखा जा सकता है, तो लोन की समय सीमा बढ़ सकती है.
टाटा ग्रुप के कर्मचारियों को सीएनटी में भी लाभ
अगर आप टाटा ग्रुप की कंपनी, राज्य या केंद्र सरकार के अधिकारी या कर्मचारी हैं, तो सीएनटी एक्ट में होने के बावजूद आपको लोन दिया जा सकता है. इसके लिए एंडिमिटी बांड देना होगा, जिसके बाद उनकी जमीन का 12 साल का खतियान देखा जायेगा. अगर 12 साल में कोई भी खतियानधारी सीएनटी वाली जातियों का होगा, तो उनको लोन नहीं मिलेगा, लेकिन 12 साल से पहले में खतियानधारी सीएनटी वाली जातियों से संबंधित नहीं है, तो भी उनको लोन मिल जायेगा. यह पैमाना देश की सबसे बड़ी कंपनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने तय की है.
लीज होल्डिंग के लिए जरूरी दस्तावेज दें, लोन लें
लीज होल्डिंग के लिए सारे बैंकों ने अपने पैमाने तय किये हैं. जितने साल का लीज दिया गया है, उतने साल का लोन उस जमीन या मकान पर दिया जा सकता है. अगर कोई पार्टी लोन के बदले में एक अन्य जमीन दे देता है, तो निश्चित तौर पर लोग अपना काम उसके जरिये कर सकते हैं.
बैंकों के निर्देश के मुताबिक ही लोन मिलेगा : एसबीआइ
बैंकों के निर्देश और कानून के मुताबिक ही सीएनटी की जमीन पर लोन दिया जा रहा है. सीएनटी कानून के अनुसार ही पैमाना तय किया गया है.
-आरके सिन्हा, एजीएम, एसबीआइ मुख्य ब्रांच

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