घालमेल. स्वास्थ्य विभाग की जांच से हुआ खुलासा
शहर के कई होटलों में पनीर, सबस्टैंडर्ड सूजी, बेसन व चनाचूर में मिलावट किया जा रहा है.
जमशेदपुर : इस साल 20 बड़े होटलों के लिये गये सैंपल में से चार की जांच रिपोर्ट से मिलावट का खुलासा हुआ है. जांच रिपोर्ट में ब्रांडेड सामानों के बदले डुप्लीकेट ब्रांड इस्तेमाल की बात सामने आयी है. अब मिलावटी सामानों की बात सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और फूड इंस्पेक्टर कार्यालय केस करने की तैयारी कर रहा है.
यूरिया व डिटर्जेंट पाउडर का है पनीर. जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस पनीर का इस्तेमाल किया जाता है, वह यूरिया और डिटर्जेंट पाउडर से तैयार किया गया है. सिंथेटिक दूध से भी पनीर बनाया गया है.
बेसन में चना की जगह मटर का इस्तेमाल, ब्रांड भी डुप्लीकेट. जांच में यह बातें सामने आयी है कि बेसन में चना दाल की जगह मटर का इस्तेमाल किया गया तथा जिस ब्रांड का बेसन इस्तेमाल किया गया, वह भी डुप्लीकेट था.
मिलावट रोकने में नाकामयाब विभाग. मिलावटी सामग्री के कारोबार से जुड़े लोगों पर नकेल कसने में सरकार नाकाम रही है. फूड सेफ्टी विभाग मिठाई व मावे का सैंपल तो लेता है, लेकिन जांच रिपोर्ट 15 से 20 दिन बाद आती है. तब तक शिकायत करने वाला मिठाई खा चुका होता है अौर यह मामला भी ठंडे बस्ते में जा चुका होता है. स्वास्थ्य अधिकारी को यह अधिकार है कि वे खराब मावे या मिठाई को फेंकवा सकते हैं, लेकिन ऐसा शायद ही कभी हो पाता है.
किसमें क्या हो रहा मिलावट
मिर्च पाउडर : इसमें लाल रंग व भूसा तथा ईंट और बालू का चूर्ण मिलाया जाता है. कई बार लाल मिर्च पाउडर में रोडामाइन बी मिलाया जाता है. इससे यकृत,गुर्दे व तिल्ली प्रभावित होती है.
आटा : रेत, चॉक पाउडर अदि मिलाया जाता है. आटा में पानी अधिक लगता हो, रोटियां अच्छी तरह फूलती हैं और स्वाद मीठा हो तो शुद्ध है.
चना और अरहर की दाल : इनमें खेसारी दाल की मिलावट की जाती है. खेसारी दाल में एक विशेष प्रकार का जहरीला रसायन होता है. इसके सेवन से स्नायू कमजोर पड़ जाते हैं. पाचन तंत्र प्रभावित होता है. गुर्दे में पथरी होने की आशंका रहती है.
विभिन्न मसाले : कंकड़ ,पत्थर,रेत, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा अादि मिलाकर बेचे जाते हैं. इससे आहार तंत्र के रोग आंत और दांत प्रभावित होते हैं.
चायपती : इसमें कृत्रिम रंग, लौह चूर्ण तथा प्रयोग हो चुकी चाय की पत्तियों का पाउडर मिलाया जाता है. इससे आहार तंत्र और पाचनतंत्र प्रभावित होता है.
काली मिर्च : इसमें पपीते के बीजों का मिश्रण किया जाता है.
दूध : दूध में सफ़ेद रंग, पानी, यूरिया, वाशिंग पाउडर आदि मिलाकर बेचा जाता है. दूध में मिले यूरिया से किडनी फेल हो सकती है.
शहद : शहद में गुड़ अथवा खांड की चाशनी तथा शक्कर की मिलावट की जाती है.
मावा: शुद्ध घी, खाद्य तेल, हल्दी, कॉफ़ी जीरा इत्यादि सब में कुछ न कुछ मिलावट की जाती है.
हम लोग कोशिश कर रहे है कि किसी भी तरह इस तरह के मिलावट को रोका जाये. इसके लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसकी सूचना लोग दें, तो आगे भी कार्रवाई होगी. ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जायेगा.
डॉ स्वर्ण सिंह, खाद्य चिकित्सा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम