जादू-टोना के आरोप के सदमे में बुजुर्ग ने दी जान
जमशेदपुर/चांडिल : जादू-टोना के अंधविश्वास ने एक और जान ले ली. चांडिल थाना क्षेत्र के काटिया गांव निवासी कोंका मांझी (70) खुद पर जादू-टोना करने के लगे आरोप के सदमे को सह नहीं पाये और उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. शव का एमजीएम कॉलेज में पोस्टमार्टम होने के बाद के उसे परिजनों के हवाले […]
जमशेदपुर/चांडिल : जादू-टोना के अंधविश्वास ने एक और जान ले ली. चांडिल थाना क्षेत्र के काटिया गांव निवासी कोंका मांझी (70) खुद पर जादू-टोना करने के लगे आरोप के सदमे को सह नहीं पाये और उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. शव का एमजीएम कॉलेज में पोस्टमार्टम होने के बाद के उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया.
घटना के संबंध में कोका मांझी के बेटे बुरुचु मांझी ने बताया कि गांव के सोम मांझी की नतिनी प्रथमी की तबीयत कुछ दिन से खराब चल रही थी. उसने इसी वर्ष 10वीं की परीक्षा पास की है. तबीयत खराब होने के बाद प्रथमी मानसिक रोगी की तरह हरकत करने लगी थी. इसके बाद गांव के लोगों ने कोंका मांझी पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया. जिसका प्रारंभ में कोंका ने विरोध भी किया.
लेकिन बाद में सोम मांझी के अनुरोध पर गांव में आम बैठक बुलाई गयी. बैठक में कोंका मांझी पर डायन का आरोप लगाया गया. बैठक में गांव के 200 लोगों ने कोंका पर लगे आरोप पर हस्ताक्षर कर सहमति बनायी. लोगों की सहमति होने के बाद आम सभा में कोंका पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
बैठक समाप्त होने के बाद से कोंका मांझी तनाव में रहने लगे. वह बार-बार खुद को निर्दोष बता रहे थे. 28 जुलाई को कोंका ने इस आरोप से तंग आकर जहर खा लिया. जहर खाने की खबर परिवार के लोगों को मिलने के बाद कोंका को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाया गया. जहां शनिवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. कोंका मांझी मूल रूप से ईचागढ़ प्रखंड के मैसाड़ा गांव के रहनेवाले थे. चांडिल डैम में विस्थापित होने के बाद से काटिया में अपने परिवार के साथ रह रहा थे.
मेरे पिताजी कोंका मांझी पर प्राथमी के घर वालों ने डायन का आरोप लगाया था. जिसके बाद गांव में आम सभा कर पांच हजार रुपया जुर्माना भी लिया था. साथ ही यह भी कहा था कि अगर प्राथमी काे कुछ होता है तो उसका शव कोका के घर में रख देंगे और एक लाख रुपया जुर्माना भी लेंगे. इस संबंध में अभी कोई लिखित शिकायत नहीं दी है.
बुरुचु मांझी,कोका मांझी का बेटा