वेज रिवीजन के पहले बोनस कराने से मजदूरों को नुकसान, कंपनी का पैसा बचाने की तैयारी

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टीआरएफ समेत कई कंपनियों में वेज रिवीजन लंबित है. वेज रिवीजन समझौता होने के पहले कंपनियां बोनस समझौता करा लेना चाहती हैं ताकि पुराने वेतनमान के आधार पर ही बोनस हो और कर्मचारियों को कम बोनस देना पड़े. अगर मैनेजमेंट ऐसा कराने में सफल हो जाता है तो करोड़ों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 9:50 AM
जमशेदपुर : टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टीआरएफ समेत कई कंपनियों में वेज रिवीजन लंबित है. वेज रिवीजन समझौता होने के पहले कंपनियां बोनस समझौता करा लेना चाहती हैं ताकि पुराने वेतनमान के आधार पर ही बोनस हो और कर्मचारियों को कम बोनस देना पड़े. अगर मैनेजमेंट ऐसा कराने में सफल हो जाता है तो करोड़ों की बचत हो जायेगी जबकि मजदूरों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

यूनियन इसमें वाहक की भूमिका निभा रही है तथा यह मजदूरों को यह बताने में कामयाब हो रही है कि दुर्गा पूजा के पहले पैसा नहीं मिल पायेगा. लेकिन अगर मजदूर बोनस की राशि देर से लेंगे तो निश्चित तौर पर उनको ज्यादा लाभ मिल सकेगा. मैनेजमेंट व यूनियन की ऐसी मुहिम वहां चलायी जा रही है जहां बोनस समझौता होना है और वेज रिवीजन भी लंबित है.
टेल्को यूनियन में भी ग्रेड से ज्यादा बोनस पर जोर
पिछले दिनों ग्रेड रिवीजन पर जब एकजुटता दिखाने की बात हुई तो टेल्को वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष से लेकर महामंत्री तक अपनी डफली अपना राग अलापते नजर आये. यहां तक की सेमिनार को लेकर यूनियन की फजीहत भी हुई. इसमें जैसे-तैसे चार्टर ऑफ डिमांड सौंपने के बाद अब यूिनयन के पदाधिकारी बोनस के मुद्दे पर लगातार एकजुटता दिखा रहे हैं.

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