हिंदी में बनाया जायेगा मस्टर रॉल

जमशेदपुर: ग्रामीण विकास मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने निदेशक धीरज काकड़िया के नेतृत्व में मंगलवार को घाटशिला प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने मनरेगा के तहत हो रहे कार्यो, बीआरजीएफ स्कीम के तहत बन रहे हेदलजुड़ी में पंचायत भवन का निरीक्षण किया तो प्रधानमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2014 9:36 AM

जमशेदपुर: ग्रामीण विकास मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने निदेशक धीरज काकड़िया के नेतृत्व में मंगलवार को घाटशिला प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने मनरेगा के तहत हो रहे कार्यो, बीआरजीएफ स्कीम के तहत बन रहे हेदलजुड़ी में पंचायत भवन का निरीक्षण किया तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही सड़क, इंदिरा आवास के तहत बने मकानों, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशनधारियों से पेंशन के संबंध जानकारी ली. मनरेगा में मजदूरी भुगतान एवं पेंशन भुगतान पर केंद्रीय टीम ने संतोष जाहिर किया. इसके उपरांत जिला समाहरणालय में उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल, डीडीसी अजीत शंकर, डीआरडीए डायरेक्टर मनोज कुमार, जिला योजना पदाधिकारी बी आबरॉर के साथ बैठक में अधिकारियों ने डीसी को पंचायत स्तर पर अभिलेख दुरुस्त करने का सुझाव दिया. केंद्रीय टीम ने जिले में ऑफिसर एवं कर्मचारियों में आपसी तालमेल की प्रशंसा की. निदेशक धीरज काकड़िया ने कहा कि वे कई राज्यों, जिलों का भ्रमण किये है. मगर यहां जो तालमेल देखा वह कहीं देखने को नहीं मिला.

पांच लाख डाटा बदलेंगे
जिले के मनरेगा मजदूर भी अब मास्टर रॉल में अपना देख सकेंगे. अब तक मास्टर रॉल अंगरेजी में है. अब मास्टर रॉल हिंदी में होगा. पूर्व में सूचना तकनीकी विज्ञान के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा के नगर आगमन पर डीसी ने अनुरोध किया था. मंगलवार को केंद्रीय टीम से डीसी डॉ अमिताभ कौशल ने की. केंद्रीय टीम ने मंत्रलय से बातचीत की. डीआइओ को बुलाया गया. हेड क्वार्टर से बातचीत की गयी. पांच लाख डाटा बेस को अंगरेजी से हिंदी में करने में लगभग दो माह लगेगा. इससे योजना भी पारदर्शी होगी.

डीसी ने की दूसरी किस्त जारी करने की मांग
डीसी डॉ अमिताभ कौशल ने केंद्रीय टीम से मनरेगा, इंदिरा आवास की दूसरी किस्त की राशि केंद्र से जल्द रिलीज कराने का आग्रह किया. जिला प्रशासन की ओर से पहले ही प्रस्ताव भेजा जा चुका है.

पीएमजीएसवाइ पर गाइडलाइन जारी हो
पीएमजीएसवाइ में इंजीनियर की कमी होने पर काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. बिना इंजीनियर के ही कार्य हो सकें. गैर इंजीनियर भी कार्य की जांच कर सके इसके लिए डीसी ने केंद्रीय टीम से मंतव्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गाइड लाइन जारी करने को कहा. ताकि कोई भी अधिकारी जाकर पूरे मामले की जांच दिये गये बिंदुओं के आधार पर कर सकें.

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