भाषा-संस्कृति बने स्थानीयता का आधार

जमशेदपुर : पुराना सीतारामडेरा स्थित बिरसा स्पोर्टिंग क्लब में स्थानीय नीति, सीएनटी व एसपीटी एक्ट पर परिचर्चा का आयाेजन किया गया. इसकी अध्यक्षता परिषद के जिला अध्यक्ष डा. बिंदु पाहन ने की. परिचर्चा में वक्ताओं ने सरकार की स्थानीय नीति को आदिवासी-मूलवासी विरोधी बताकर विरोध जताया. वक्ताओं ने कहा कि सरकार की स्थानीय नीति से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2016 2:34 AM

जमशेदपुर : पुराना सीतारामडेरा स्थित बिरसा स्पोर्टिंग क्लब में स्थानीय नीति, सीएनटी व एसपीटी एक्ट पर परिचर्चा का आयाेजन किया गया. इसकी अध्यक्षता परिषद के जिला अध्यक्ष डा. बिंदु पाहन ने की. परिचर्चा में वक्ताओं ने सरकार की स्थानीय नीति को आदिवासी-मूलवासी विरोधी बताकर विरोध जताया. वक्ताओं ने कहा कि सरकार की स्थानीय नीति से आदिवासी-मूलवासियों का भला नहीं होने वाला है.

इससे झारखंडी मिट जायेंगे. परिषद जल्द ही आदिवासी-मूलवासी के हक व अधिकार को ध्यान में रखकर बनाये गये स्थानीयता का प्रारूप सरकार को सौंपेगी. वर्ष 2002 में झारखंड उच्च न्यायालय ने खतियान को स्थानीयता का आधार नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है. इसलिए भाषा-संस्कृति व जातिगत सूची को स्थानीयता का आधार बनाये की राय वक्ताओं ने दी. परिचर्चा में डाॅ. बिंदु पाहन, बसंत तिर्की, शंभु मुखी, राजकुमार पासवान, गणेश राम, विष्णु बानरा, प्रकाश कोया, राजू भुइयां, राजेश कंडेयांग, बुधराम खालको, जगदीश मुंडा आदि

मौजूद थे.
सीतारामडेरा में स्थानीय नीति, सीएनटी व एसपीटी एक्ट पर परिचर्चा आयोजित

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