जमशेदपुर: दलमा के इको सेंसेटिव जोन के पांच किलोमीटर के दायरे में डिमना डैम भी आ चुका है. इसको लेकर इको सेंसेटिव जोन की निगरानी समिति की बैठक में आयुक्त के स्तर से इसकी पूरी जांच रिपोर्ट समिति को समर्पित करने को कहा गया है.
बैठक में कहा गया है कि भू-जल का औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग इको सेंसेटिव जोन के पारा-4 के अधीन गठित निगरानी समिति के पूर्व अनुमोदी के सिवा नहीं किया जाना है. डिमना लेक जहां अवस्थित है, वह इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आता है. उसका पूरा कैचमेंट एरिया (जहां तक पानी है) इसके दायरे में आ रहा है. लिहाजा, आयुक्त ने यह निर्देश दिया है कि चूंकि डिमना लेक का जल ग्रहण क्षेत्र मुख्यत: दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी ही है, इस कारण टाटा स्टील से इसकी जानकारी प्राप्त की जाये कि डिमना लेक से प्रतिदिन कितना जल का निष्कासन या आपूर्ति की जाती है.
इसके अतिरिक्त विद्युत विभाग या बोर्ड के डिमना लेक से संबंधित कार्यपालक अभियंता को डिमना लेक में जलापूर्ति के लिए स्थापित मोटर पंप के विद्युत विपत्र की प्रति जमा करने को कहा गया है. इसके अलावा वन क्षेत्र पदाधिकारी, दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी जमशेदपुर को भी निर्देशित किया जाये कि वे संबंधित सूचना अपने स्तर से प्राप्त कर उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक गजराज परियोजना जमशेदपुर के माध्यम से समिति को समर्पित करेंगे.
बैठक यह भी कहा गया है कि जो भी खनन वैध या अवैध इको सेंसेटिव जोन में संचालित हो रहे हैं या क्रशर मशीन का संचालन हो रहा है, उसको तत्काल बंद किया जाये . पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम के अलावा सरायकेला-खरसावां जिले के सहायक खनन पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है. तय किया गया कि इको सेंसेटिव जोन के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा.इसके लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीटय़ूट ऑफ इंडिया देहरादून से संपर्क किया गया था, लेकिन कार्य की अधिकता के कारण उन लोगों ने इसे लेने से इनकार कर दिया. अब तय किया गया कि मास्टर प्लान के लिए अलग से इसके लिए प्राइवेट प्रोफेशनल से राय मंगायी जायेगी. शेष अन्य होटलों और जनमुद्दों पर फैसला नही लिया गया.