जर्जर एनएच पर आज हमला बोलेंगे नीतीश!

जमशेदपुर: पहले से ही जर्जर रांची टाटा के बीच एनएच-33 बारिश के मौसम में और भी खस्ताहाल हो गयी है. फोर लेन निर्माण के क्रम में जितने भी डायवर्सन बनाये गये हैं, वे जानलेवा हो गये हैं. रांची से जैसे-जैसे जमशेदपुर की ओर बढ़ते हैं गड्ढे बड़े होते जाते हैं. आसनबनी, कांदरबेड़ा, नागरडीह, पारडीह में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2016 8:46 AM

जमशेदपुर: पहले से ही जर्जर रांची टाटा के बीच एनएच-33 बारिश के मौसम में और भी खस्ताहाल हो गयी है. फोर लेन निर्माण के क्रम में जितने भी डायवर्सन बनाये गये हैं, वे जानलेवा हो गये हैं. रांची से जैसे-जैसे जमशेदपुर की ओर बढ़ते हैं गड्ढे बड़े होते जाते हैं. आसनबनी, कांदरबेड़ा, नागरडीह, पारडीह में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं कि ट्रक भी फंस जा रहे हैं. फोन लेन निर्माण कर रही एजेंसी को निर्माण होने तक जर्जर एनएच की मरम्मत करने की जिम्मेवारी है.

लेकिन इसमें सुस्ती अौर लापरवाही बरती जा रही है. पिछले पांच सालों में अबतक रोड के अंतर्गत पड़ने वाले सभी नाले का निर्माण अौर उसके ऊपर ढलाई का काम पूरा नहीं हो पाया हैै. इतना ही नहीं नियमित काम नहीं होने से फोन लेन अौर मरम्मत की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है. गौरतलब है कि एनएचएआइ ने डिजाइन बनाने, फायनेंस, अॉपरेशन अौर ट्रांसपोर्टेशन (डीबीएफओटी) के फेज -3 के तहत एजेंसी मेसर्स मधुकॉन को रांची से टाटा के बीच 163.50 किलोमीटर तक फास्ट ट्रैक हाइवे प्रोजेक्ट के तहत फोर लेन रोड निर्माण का काम मार्च 2011 में दिया था.

3 महीने से काम नहीं के बराबर

15 जुलाई से लेकर 15 सितंबर तक बारिश मौसम में एनएच-33 फोन लेन के निर्माण नहीं के बराबर हो रहा है. इतना ही नहीं रांची-टाटा के बीच फोन लेन का निर्माण पूरा नहीं होने से अौर ससमय मरम्मत कार्य नहीं होने से प्रतिदिन यहां 5-25 किलोमीटर तक लंबा ट्राफिक जाम हो रहा है. इतना ही नहीं प्रत्येक दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. पिछले नौ माह (जनवरी से 8 सितंबर 2016 तक) में इस सड़क पर 9 मौत, 65 घायल हुए है.

Next Article

Exit mobile version