परमिट घाेटाले के तार उद्याेगपतियाें से जुड़े

जमशेदपुर : जमशेदपुर वाणिज्य कर विभाग के सर्किल से 500 कराेड़ के परमिट घाेटाले के तार जमशेदपुर के उद्याेगपतियाें के साथ जुड़ रहे हैं. आयकर विभाग द्वारा पिछले दिनाें उक्त उद्याेगपतियाें के आवास-प्रतिष्ठान आैर कारखानाें में बड़े स्तर पर की गयी छापेमारी के दाैरान इस बात के सबूत मिले हैं कि वाणिज्य कर विभाग से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 2:19 AM
जमशेदपुर : जमशेदपुर वाणिज्य कर विभाग के सर्किल से 500 कराेड़ के परमिट घाेटाले के तार जमशेदपुर के उद्याेगपतियाें के साथ जुड़ रहे हैं. आयकर विभाग द्वारा पिछले दिनाें उक्त उद्याेगपतियाें के आवास-प्रतिष्ठान आैर कारखानाें में बड़े स्तर पर की गयी छापेमारी के दाैरान इस बात के सबूत मिले हैं कि वाणिज्य कर विभाग से उड़ाये गये परमिट का इस्तेमाल इन लाेगाें ने माल बाहर भेजने के लिए बड़े पैमाने पर किया है.

जमशेदपुर सर्किल में हुए परमिट घाेटाला की जांच वाणिज्य कर विभाग के सचिव केके खंडेलवाल ने सरकार काे साैंपी थी, जिसके बाद जांच एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूराे) काे साैंप दी गयी. एसीबी ने इस मामले में वाणिज्य कर विभाग से आवश्यक दस्तावेज मांगे हैं. विभागीय स्तर पर इस संबंध में काेई भी अधिकारी कुछ बाेलने काे तैयार नहीं है. वाणज्यि कर विभाग के जमशेदपुर प्रमंडल में सिंहभूम सर्किल में 346.79 करोड़ अाैर अरबन सर्किल में 150 करोड़ रुपये से अधिक घोटाला सामने आया था. यह मामला झारखंड से माल दूसरे राज्यों को भेजने से जुड़ा है, जिसके लिए ऑनलाइन ब्लू परमिट निकाला गया था.

सिंहभूम सर्किल का अनोखा घोटाला
सिंहभूम सर्किल में एक ही व्यक्ति ने डीलर के रूप में पंजीकरण करा 346 करोड़ का गोलमाल कर लिया. आरोपी निरंजन चौबे ने ट्रेडर्स नाम से सिंहभूम सर्किल में डीलर के रूप में पंजीकरण कराया. इसने मात्र दस हजार रुपये की एनएससी और पचास हजार रुपये का सिक्यिोरिटी बांड भरा. नियमत: इसके एवज में वह मात्र 1.25 लाख रुपये का ही राेड परमिट निकाल सकता है. विभागीय लापरवाही या फिर मिलीभगत से उसके द्वारा 346 करोड़ से अधिक का परमिट निकाल लिया गया. व्यवसायिक स्थल गदड़ा में जब कार्यालय का निरीक्षण करने अधिकारी पहुंचे ताे उसे बंद पाया गया. सर्किल में जो रोड परमिट घोटाला हुआ है, उसकी जांच एक विशेष विधि से की गयी थी. इस क्रम में विभाग काे जानकारी मिली थी कि 200 से अधिक डीलराें ने क्षमता से अधिक का रोड परमिट निकाला है. तीन माह बीत जाने के बाद भी आरोपी पकड़ से दूर है.

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