जमशेदपुर : महिला रेलकर्मी की हत्या, तीन आरोपी हिरासत में

जमशेदपुर: खासमहल रेलवे अस्पताल के पीछे र्क्वाटर नंबर 610/2 मेें रहनेवाली महिला रेलकर्मी (ट्रैकमैन) तिलोका मंडल (50) पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. घटना मंगलवार सुबह आठ बजे की है. उसे बचाने गयी उसकी बेटी अष्टमी मंडल पर भी हमला किया गया, लेकिन उसने किसी तरह भागकर जान बचायी. शोर मचाने और लोगों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2016 2:16 AM
जमशेदपुर: खासमहल रेलवे अस्पताल के पीछे र्क्वाटर नंबर 610/2 मेें रहनेवाली महिला रेलकर्मी (ट्रैकमैन) तिलोका मंडल (50) पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. घटना मंगलवार सुबह आठ बजे की है. उसे बचाने गयी उसकी बेटी अष्टमी मंडल पर भी हमला किया गया, लेकिन उसने किसी तरह भागकर जान बचायी. शोर मचाने और लोगों के जुटने के बाद हमलावर वहां से भाग खड़े हुए. गंभीर स्थिति में तिलोका मंडल को रेलवे अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

तिलोका के सिर में गंभीर चोट व गले इधर, सूचना पाकर पहुंचे परसुडीह थाना प्रभारी शंकर ठाकुर ने मृतका की बेटी अष्टमी से पूछताछ के बाद गीता बेहरा, शीतल सरदार और उस्मान को थाने लाकर पूछताछ कर रही है. पुलिस ने गीता बेहरा के घर से मृतका का बैग व टाना बरामद किया है. मृतका के गले की चेन व कान की बाली के बारे में हिरासत में लिये गये लोगों से पूछताछ की जा रही है.

अष्टमी मंडल के बयान पर बबली बेहरा, उसकी पत्नी गीता बेहरा, उसके बेटे, शीतल सरदार, बेटी अनीता सरदार, बेटा मुकेश सरदार और राजेश सरदार, उस्मान तथा उस्मान के दोनों बेटों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
बदले की भावना से की गयी हत्या : पुलिस. परसुडीह थाना प्रभारी शंकर ठाकुर ने बताया कि एक अक्तूबर को तिलोका मंडल के घर में घुसकर उसकी बेटी के साथ मारपीट व छेड़खानी की गयी थी. घटना के समय पीड़िता की मां और बहन बाजार गयी थीं. इस संबंध में परसुडीह थाने में पीड़िता के बयान पर मुकेश सरदार व राजेश सरदार समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस का मानना है कि इसी मामले में बदले की भावना से घटना को अंजाम दिया गया. पुलिस ने जांच में पाया है कि 16 सितंबर को कुत्ता मारने के विवाद को लेकर भी दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. इसकी शिकायत तिलोका की बेटी ने थाने में की थी.
मेरे सामने मां को मार डाला : अष्टमी. अष्टमी ने बताया कि उसके पिता मुक्ति मंडल की (वर्ष 1992 में) मौत के बाद मां तिलोका को रेलवे में ट्रैकमैन की नौकरी मिली थी. मंगलवार की सुबह आठ बजे मां झोला लेकर काम पर जाने के लिए र्क्वाटर से निकली. वह गेट के बाहर तक उन्हें छोड़ने गयी. जब वह घर के अंदर लौट रही थी, तभी तिलोका के चिल्लाने की आवाज आयी. अष्टमी ने बाहर निकल कर देखा कि बबली, गीता, शीतल, मुकेश व उस्मान अपने बेटों के साथ मिलकर मां को पीट रहे हैं. राजेश ने मां के गले को रस्सी से दबा रखा था. जब वह बचाने गयी तो उस पर भी भी हमला किया गया. किसी तरह वह वहां से भागकर अपनी जान बचा पायी.
स्कूल में बच्चों को परचा बांट रही थी : अनामिका. अष्टमी की बहन अनामिका मंडल ने बताया कि सवा आठ बजे के लगभग वह जुगसलाई फ्यूचर फाउंडेशन स्कूल में बच्चों को परीक्षा के लिए परचा बांट रही थी. इस बीच बहन का फोन आया. फोन सुनकर वह भागकर घर पहुंची, तो देखा कि मां की मौत हो चुकी थी.

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