चेन्नई : अन्नाद्रमुक ने आज कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का ‘‘पालन नहीं” करने के लिए केंद्र तथा कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा. बोर्ड के गठन के संबंध में शीर्ष अदालत में राजग नीत केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ तमिलनाडु में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए और एक किसान संगठन ने यहां इस मुद्दे पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरु किया. अन्नाद्रमुक के मुखपत्र में एक लेख में डाक्टर नमाधू एमजीआर ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद बोर्ड के गठन से इंकार करने से साफ है कि भाजपा तमिलनाडु के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार” कर रही है.
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थमा नहीं है कावेरी विवाद, अन्नाद्रमुक ने की भाजपा – कांग्रेस की निंदा
चेन्नई : अन्नाद्रमुक ने आज कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का ‘‘पालन नहीं” करने के लिए केंद्र तथा कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा. बोर्ड के गठन के संबंध में शीर्ष अदालत में राजग नीत केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ तमिलनाडु में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए और एक […]
अन्नाद्रमुक ने आरोप लगाया, ‘‘यह साफ है कि भाजपा नीत केंद्र उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गौर नहीं करने में कर्नाटक की जिद का अनुसरण करेगा.” पार्टी ने चिंता जताई कि जिस तरह राष्ट्रीय दलों द्वारा शासित केंद्र और कर्नाटक सरकारें उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं करके अडियल रवैया दिखा रही रही हैं, अगर आम लोगों ने भी अदालत के आदेशों का पालन नहीं करने का रुख अपनाया तो किस तरह की गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है.
अन्नाद्रमुक ने कहा कि लोगों को जानकारी है कि बोर्ड का गठन करने के मुद्दे पर केंद्र तथा कर्नाटक सरकारों के रुख का उद्देश्य कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में वोट हासिल करना है. पार्टी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल वोटों तथा सीटों की खातिर भारत की एकता को जोखिम में डाल रहे हैं जो देशप्रेमियों के लिए बडी चिंता का विषय है.
उधर, तमिलनाडु आल फार्मर्स फेडरेशन्स के किसानों ने यहां अनिश्चितकालीन अनशन शुरु करते हुए केंद्र से बोर्ड के गठन का अनुरोध किया. संगठन के अध्यक्ष पीआर पांडियान ने कहा, ‘‘यह अनिश्चितकालीन अनशन है. हम चाहते हैं कि केंद्र तुरंत बोर्ड को गठन करे.” कावेरी डेल्टा जिलों तिरुवरुर और तिरुचिरापल्ली सहित अन्य क्षेत्रों के 15 किसान अनशन पर हैं.
भाकपा से जुडे संगठन ‘आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन’ के सदस्यों ने यहां एक प्रदर्शन का आयोजन किया. द्रमुक कोषाध्यक्ष तथा विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने कहा कि वह बोर्ड के गठन को लेकर केंद्र के रुख की निंदा करते हुए सात अक्तूबर को तंजावुर में अनशन करेंगे.
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