झारखंड फिल्म सिटी पर बोले शत्रुध्न, अनुपम के साथ मेरा भी तर्जुबा ले सकता था झारखंड नहीं लिया
जमशेदपुर : झारखंड में फिल्म सिटी का ब्लूप्रिंट हमने तैयार की थी की झारखंड में इतनी अच्छी संभावनाएं है, लेकिन देर से ही सही, सरकार ने बेहतर काम इसके लिए शुरु किया है. यह काबिलेतारीफ कदम है. सिने स्टार अनुपम खेर हमारे पुराने और अजीज मित्र है, उनका तर्जुबा झारखंड सरकार हासिल कर रही है, […]
जमशेदपुर : झारखंड में फिल्म सिटी का ब्लूप्रिंट हमने तैयार की थी की झारखंड में इतनी अच्छी संभावनाएं है, लेकिन देर से ही सही, सरकार ने बेहतर काम इसके लिए शुरु किया है. यह काबिलेतारीफ कदम है. सिने स्टार अनुपम खेर हमारे पुराने और अजीज मित्र है, उनका तर्जुबा झारखंड सरकार हासिल कर रही है, यह बेहतर कदम है, लेकिन मेरा भी तर्जुबा झारखंड में फिल्म सिटी को स्थापित करने में अहम भूमिका मैं निभा सकता था.
यह दर्द व्यक्त किया है सिने स्टार और भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने. श्री सिन्हा बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यूपी फिल्म डेवलपमेंट बोर्ड का मैं अध्यक्ष रह चुका है और वहां तेजी से फिल्म का विकास भी हुआ. झारखंड में तो मुंबई से भी बेहतर प्राकृतिक छटा और स्पेस है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पाया है. अब सरकार ने पहल की है तो यह बेहतर संकेत है और अच्छा कदम है, मुझे अफसोस नहीं है कि हमको नहीं रखा, लेकिन हम बिहारी बाबू रहे है और बिहार और झारखंड एकीकृत तौर पर रहा है, इस कारण मेरा भी तर्जुबा लिया जा सकता था.
झारखंड विकास की ओर अग्रसर, दोनों राज्य की तुलना पर खामोश
झारखंड का विकास करना है तो जमशेदपुर-रांची का विकास जरूरीबिहार से अलग होने के बाद झारखंड को कहा पाते है, इस सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि झारखंड विकास की ओर अग्रसर है. एनएच जरूर खराब है. मैं स्वासथय मंत्री था तो एम्स मैंने ही बनाने की शुरुआत की थी. लगता था कि एक सप्ताह में काम हो जायेगा, लेकिन सात माह में काम शुरु हुआ. एनएच को लेकर भी कुछ वहीं स्थिति होगी. निश्चित तौर पर जमशेदपुर और रांची का विकास जरूरी है तब जाकर झारखंड का विकास संभव हो सकेगा. इसके लिए निश्चित तौर पर सरकार बेहतर काम कर रही है.
बिहार और झारखंड कौन आगे है
इस सवाल के जवाब में उन्होंने अपने फिल्मी अंदाज में कहा खामोश. केंद्रीय मंत्री बनेंगे या नहीं, सोनाक्षी की शादी जैसे सवाल टाल गयेशत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री किसको बनाना है और नहीं बनाना है, यह प्रधानमंत्री का क्षेत्राधिकार की बात होती है. उसमें मैं हस्तक्षेप करने वाला कौन होता है. इतना सशक्त प्रधानमंत्री देश को मिला है कि आज देश का सिर गर्व से ऊंचा हो रहा है. उन्होंने कहा कि सोनाक्षी की शादी को लेकर चिंता कोई नहीं करें, जैसे ही समय आयेगा, सबको मालूम चल जायेगा. पुस्तक में कुछ बातों को जरूर छिपा ली है, जो सामाजिक व एकदम निजी हैयह पूछे जाने पर कि उनकी जो पुस्तक है खामोश, उसमें किसी बातों को छुपाया है या नहीं, इस पर श्री सिन्हा ने बताया कि पुस्तक को पूरी तरह हमने पारदर्शी बनाया है. पुस्तक में कुछ बातों को जरूर हमने छिपायी है, जो लव अफेयर्स से संबंधित रहे है क्योंकि जिनका नाम लिखता है, उसको भी दिक्कत थी और हमारे बच्चों से लेकर परिवार को भी वह आहत करती, इसलिए उसको छुपा लिया था.वरना मैंने कई बातें लिखी है, जिसको लेकर कुछ नाराजगी भी हुई होगी, लेकिन इसके लिए हमने माफी भी मांग ली है. अगर इंदिरा गांधी होती तो शायद मैं कांग्रेस में होता.
अमिताभ से रिश्ते अच्छे
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर मैडम गांधी यानी इंदिरा गांधी आज जिंदा होती तो मैं शायद उस वक्त भाजपा में शामिल नहीं होता. इंदिरा गांधी हमको काफी मानती भी थी और राजनीति में ककहरा हमने सुबोध कांत सहाय से बिहार से लेकर देश में सीखी थी. उनकी हत्या के बाद मैं भाजपा में आ गया, जहां काफी सुकून महसूस करता हूं. सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के साथ के निजी संबंधों के बारे में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि निश्चित तौर पर कुछ पहले दिक्कत थी, लेकिन आज संबंध काफी अच्छी है और आगे भी रहेगी.