रोड शो का रिजल्ट आयेगा, बदलेगा झारखंड
जमशेदपुर: राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार हस स्तर पर प्रयास कर रही है. इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अमेरिका की यात्रा से लेकर बेंगलुरू से लेकर दिल्ली और मुंबई तक रोड शो कर चुके हैं. राज्य सरकार नवंबर में रांची में एक सम्मेलन कराने जा रही है, जिसमें […]
जमशेदपुर: राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार हस स्तर पर प्रयास कर रही है. इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अमेरिका की यात्रा से लेकर बेंगलुरू से लेकर दिल्ली और मुंबई तक रोड शो कर चुके हैं. राज्य सरकार नवंबर में रांची में एक सम्मेलन कराने जा रही है, जिसमें देश -विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया गया है.
बाहर से निवेशक लाने की प्रक्रिया में जमशेदपुर के दो नामी हस्तियां काम कर रही हैं. इनमें एक टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट काॅरपोरेट सर्विसेज सुनील भास्करन और दूसरे आरएसबी ग्रुप के एमडी सह सीआइअाइ के ईस्टर्न जोन (पूर्वोत्तर क्षेत्र) के एमएसएमइ के चेयरमैन एसके बेहरा हैं. प्रभात खबर से बातचीत में दोनों ने संभावना जतायी है कि आने वाले दिनों में झारखंड में तेजी से बदलाव दिखेगा. कुछ संसाधनों को दुरुस्त करने की जरूरत है. जिसपर तेेजी से काम हो भी रहा है.
राज्य की क्षमता को समझने लगे हैं निवेशक : भास्करन
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट काॅरपोरेट सर्विसेज सुनील भास्करन ने कहा कि सरकार के उठाये जा रहे कदमों का बेहतर असर दिखेगा. बदलाव की रफ्तार अभी भले ही धीमी हो, लेकिन इसका असर दिखने लगा है. राज्य की क्षमता कितनी है और सरकार क्या कर सकती है, इसको समझाने में सरकार कामयाब हुई है. पहले लोग झारखंड की पोटेंशियल (क्षमता) से वाकिफ नहीं थे, अब देश -विदेश से निवेशक निवेश की इच्छा जता रहे हैं. जिस तरह से एचसीएल, सिस्को जैसी कंपनियों के साथ सरकार ने करार किया है, उसका बेहतर रिजल्ट जल्द सामने आयेगा.
संसाधन को दुरुस्त करने की जरूरत : एसके बेहरा
आरएसबी ग्रुप के एमडी सह सीआइअाइ के इस्टर्न जोन (पूर्वोत्तर क्षेत्र) के एमएसएमइ के चेयरमैन एसके बेहरा ने कहा कि लगातार होने वाले रोड शो का बेहतर नतीजा सामने आयेगा. राज्य में बेहतर निवेश होगा. एयरपोर्ट, एनएच जैसे जरूरी संसाधनों को दुरुस्त करने की जरूरत है. निवेश लाने के लिए यह जरूरी है. पहले झारखंड की व्यवस्था और बदलाव की दिशा में हो रही कोशिशों से बाहर के निवेशक अनभिज्ञ थे. अब उन्हें वे झारखंड को बेहतर तरीके से समझ रहे हैं और निवेश के लिए आगे भी आ रहे हैं.