बिष्टुपुर के हर बैंक में लाइन

जमशेदपुर. स्टेट बैंक अॉफ इंडिया में सबसे उत्तम व्यवस्था देखी गयी. यहां सरकारी कार्यों के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग से काउंटर बनाये गये थे. महिलाओं का भी अलग से काउंटर था, तो पुरुष और महिलाओं का एक साथ भी काउंटर था. यहां कुल 10 काउंटर बना दिये गये थे, ताकि किसी तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2016 1:59 AM
जमशेदपुर. स्टेट बैंक अॉफ इंडिया में सबसे उत्तम व्यवस्था देखी गयी. यहां सरकारी कार्यों के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग से काउंटर बनाये गये थे. महिलाओं का भी अलग से काउंटर था, तो पुरुष और महिलाओं का एक साथ भी काउंटर था. यहां कुल 10 काउंटर बना दिये गये थे, ताकि किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. यहां 10, 20, 50 और सौ रुपये के नोट ही बदले गये.

एक्सचेंज के अलावा आसानी से लोगों के लिए एकाउंट भी उपलब्ध करा दिया गया था. बाहर में वह परचा भी दिया जा रहा था, जो भरना अनिवार्य था. खुद एजीएम आरके वर्मा मॉनिटरिंग करते नजर आये. लोगों के बैठने तक का इंतजाम किया गया था. वहीं पुलिस की भारी बंदोबस्त थी. पीने के पानी तक का इंतजाम था.

कॉलेज से छुट्टी लेकर पैसा बदलने बहरागोड़ा से आये : मंडल. मैं बहरागोड़ा कॉलेज का प्रोफेसर हूं. रुपये बदलने के लिए बैंक में आना पड़ा है. चार हजार रुपये का नोट के साथ हमें 10-10 रुपये का बंडल दिया गया है. ले जाना तो मुश्किल है, लेकिन पैसे का काम है, वह तो करना ही होगा. इस वजह से कॉलेज में छुट्टी लेनी पड़ी है.
ड्यूटी पर तैनात पुलिसवाले भी नोट बदले. जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बैंकों में लगी थी, वे भी नोट बदल रहे थे. कोई परिचित आया, तो उसका भी अपने ही नाम पर नोट बदल रहे थे. इस दौरान लोगों की भारी भीड़ थी.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में सिर्फ दो हजार रुपये का नोट ही दिया गया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में एजीएम रामेश्वर रजक की देख-रेख में पूरी व्यवस्था की गयी थी. लोगों के लिए पैसों को एक्सचेंज करने के लिए 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोट दिये जा रहे थे, जबकि दो अलग से काउंटर बनाया गया था. अतिरिक्त कर्मचारियों को भी बहाल किया गया है. पुलिस की बंदोबस्त भी थी. वहीं जब बैंक में कैश की कमी होने लगी, तो दो हजार रुपये ही एक व्यक्ति का एक्सचेंज किया जाने लगा. निजी बैंक में अलग से काउंटर, दूसरे बैंक के ग्राहकों का पैसा लेने से इनकार. निजी बैंकों में अलग से काउंटर बनाया गया है. निजी बैंक की बड़ी शाखा के तौर पर बिष्टुपुर को जाना जाता है. यहां ग्राहकों को पैसा तो दिया जा रहा था, लेकिन यहां सबसे ज्यादा परेशानी इस कारण उत्पन्न हुई कि दूसरे बैंकों के ग्राहकों का पैसा लेने से इनकार कर दिया. इसको लेकर कुछेक बैंकों में हंगामा भी हुआ, लेकिन करंसी की कमी होने के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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