डायबिटीज करता है आंखों पर असर : डॉ. सौम्यन

जमशेदपुर : डायबिटीज के मरीजों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज के मरीजों ने अगर जरूरी इलाज नहीं कराया तो यह आंखों पर भी असर डालता है. मरीज की आंख के रेटिना में सूजन व रोशनी कम होने के साथ कभी-कभी आंखों में खून तक आने की समस्या सामने आती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 9:29 AM
जमशेदपुर : डायबिटीज के मरीजों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज के मरीजों ने अगर जरूरी इलाज नहीं कराया तो यह आंखों पर भी असर डालता है. मरीज की आंख के रेटिना में सूजन व रोशनी कम होने के साथ कभी-कभी आंखों में खून तक आने की समस्या सामने आती है. रविवार को टाटा मेन अस्पताल में क्लिनिकल सोसायटी के 54वें अर्द्धवार्षिक कॉफ्रेंस में बतौर मुख्य वक्ता कोलकाता आइ अस्पताल के नेत्र चिकित्सक डॉ. सौम्यन मंडल ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि इसमें डायबिटिक रेटिनोपैथी करनी होती है.
पहले लेजर से इसका इलाज होता था अब नयी तकनीक से आंखों में इंजेक्शन देकर सूजन, कम रोशनी व खून की समस्या को बहुत हद तक ठीक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हृदय रोगी कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा न बढ़ने दे और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इसे नियंत्रित करने के लिए दवा के साथ शारीरिक गतिविधि भी करें. सेमिनार में मुंबई के होली फेमली हाॅस्पिटल के डॉ ब्रायन वी पिंटू ने हृदयरोग तथा कोलकाता के डॉ विजान कुंडू ने डाक्टरों को सीटी स्कैन की इतिहास से लेकर अब तक की तकनीक व उपयोग की जानकारी दी.
इससे पूर्व सेमिनार का उदघाटन टाटा स्टील के वीपी सुरेश दत्त त्रिपाठी ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सेमिनार एक-दूसरे से सीखने का बड़ा जरिया है. इसमें नई तकनीक पर चर्चा होनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक डाक्टरों को इसका फायदा मिल सके. सेमिनार में लगभग 50 डाक्टरों ने प्रेजेंटेशन दिया. बेस्ट प्रेजेंटेशन वाले डाक्टरों को टीएमएच के जीएम डाॅ राजन चौधरी ने पुरस्कृत किया. शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डाक्टरों ने खुद गीत-संगीत से माहौल को सुरमय बना दिया. सेमिनार में सोसायटी के प्रेसिडेंट डॉ एसपी जखनवाल व सेक्रेटरी डॉ. शरद कुमार के अलावा डॉ संगीता सिंघल, डॉ हरप्रीत सिंह, डॉ संजय अग्रवाल सहित शहर के कई डॉक्टर व मेडिकल छात्र उपस्थित थे.

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