आबकारी टीम को दो किमी खदेड़ कर बंधक बनाया
पटमदा : पटमदा प्रखंड कार्यालय से 20 किमी दूर बंगाल राज्य की सीमा से सटे मुकरूडीह गांव के आदिम जनजाति (सबर) परिवारों ने बांदवान थाना के रोलाडीह गांव में अबकारी पुलिस टीम को तीन घंटे तक बंधक बनाये रखा. घटना बुधवार की है. सबर परिवारों का आरोप है कि जमशेदपुर से आयी अबकारी विभाग की […]
पटमदा : पटमदा प्रखंड कार्यालय से 20 किमी दूर बंगाल राज्य की सीमा से सटे मुकरूडीह गांव के आदिम जनजाति (सबर) परिवारों ने बांदवान थाना के रोलाडीह गांव में अबकारी पुलिस टीम को तीन घंटे तक बंधक बनाये रखा. घटना बुधवार की है.
सबर परिवारों का आरोप है कि जमशेदपुर से आयी अबकारी विभाग की टीम ने छापेमारी के नाम पर महिलाअों पर अत्याचार किया. घरों में रखे बक्सा-पेटी के ताले तोड़ दिये और गाय-बकरी बेचकर उनमें रखे गये 45 हजार रुपये निकाल लिये. विरोध करने पर वाहन पर सवार होकर सभी फरार होने लगे. इसके बाद ग्रामीणों ने आबकारी पुलिस वाहन का पीछा करते हुए रोलाडीह गांव में उन्हें घेर लिया. सूचना पाकर बांदवान थाना प्रभारी राणा भगत, पटमदा थाना प्रभारी महेंद्र कारमाली, कमलपुर थाना प्रभारी अवधेश कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. बंधक बनी अबकारी विभाग की टीम दो वाहनों में सवार थी.
अबकारी पुलिस की टीम को छोड़े जाने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों से काफी अनुनय-विनय किया. पटमदा थाना प्रभारी महेंद्र कारमाली के अनुनय-विनय के बाद रोलाडीह गांव से अबकारी पुलिस को मुक्त कर दिया गया. वहां से लौट रही अबकारी पुलिस टीम को उग्र ग्रामीणों ने मुकरूडीह गांव में दोबारा बंधक बना लिया. दोबारा पटमदा थाना प्रभारी महेद्र कारमाली व महुलवना के मुखिया चंद्रशेखर टुडू के समझाने, थाने में मामला दर्ज किये जाने व रुपये लौटाये जाने के आश्वासन पर गांववालों ने अबकारी पुलिस को छोड़ा.
बंधक बनायी गयी अाबकारी विभाग की टीम
क्षितिज विनय मिंज (इंस्पेक्टर), उमेश झा (सबइंस्पेक्टर), मिथलेश झा (एएसआइ), त्रिपुरारी कुमार, प्रदीप कुमार कारामाली, प्रकाश मिंज, शंभुनाथ प्रसाद, रतन सिंह आदि शामिल थे.