‘गोल्डी’ के नाम हुआ मानगो बस स्टैंड
जमशेदपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच जिला मुख्यालय सभागार में शनिवार को बस स्टैंड (जेपी सेतु बस पड़ाव) की नीलामी हुई. अंग्रेजी शराब कारोबारी और कांग्रेस से जुड़े तारकेश्वर तिवारी उर्फ गोल्डी तिवारी ने सर्वाधिक 78 लाख की बोली लगा कर बंदोबस्ती अपने नाम की. 77 लाख की बोली लगा कर राघवेंद्र प्रताप सिंह दूसरे स्थान […]
जमशेदपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच जिला मुख्यालय सभागार में शनिवार को बस स्टैंड (जेपी सेतु बस पड़ाव) की नीलामी हुई. अंग्रेजी शराब कारोबारी और कांग्रेस से जुड़े तारकेश्वर तिवारी उर्फ गोल्डी तिवारी ने सर्वाधिक 78 लाख की बोली लगा कर बंदोबस्ती अपने नाम की.
77 लाख की बोली लगा कर राघवेंद्र प्रताप सिंह दूसरे स्थान पर रहे. उपेंद्र सिंह ( याराना) ने 73 लाख की बोली लगायी. करोड़ों रुपये की बोली लगा कर बालू घाट लेने वाले बाबा इंटरप्राइजेज के कन्हैया प्रसाद सिंह 65 से 68 लाख की बोली के बाद ही नीलामी से बाहर हो गये. बंदोबस्ती उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल की अध्यक्षता में हुई. बंदोबस्ती में एडीसी गणेश कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी दीपक सहाय, दो कनीय अभियंता उपस्थित थे, जबकि एसडीओ प्रेम रंजन विधि व्यवस्था ड्यूटी में थे. नीलामी का संचालन जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी दीपक सहाय ने किया.
कड़ी सुरक्षा में हुई नीलामी: पूरे समाहरणालय परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. वज्र वाहन के साथ-साथ बड़ी संख्या में अतिरिक्त फोर्स तैनात किये गये थे. मुख्य गेट से प्रवेश करने वालों को मेटल डिटेक्टर से चेक किया जा रहा था. नीलामी में भाग लेने वालों का मोबाइल रखवा लेने का आदेश दिया.
छह शामिल हुए नीलामी में: नीलामी में भाग लेने के लिए सात लोगों ने आवेदन फार्म व शुल्क जमा किया था. चल-अचल संपत्ति व चरित्र प्रमाण पत्र जमा नहीं करने के कारण राम उदय प्रसाद सिंह अयोग्य घोषित हुए और नीलामी में भाग नहीं ले सके. नीलामी में तारकेश्वर तिवारी, उपेंद्र सिंह, कन्हैया प्रसाद सिंह, विनय कुमार सिंह, सुनीता सिंह एवं राघवेंद्र प्रताप सिंह शामिल हुए. सुरक्षित राशि 35 लाख का दस प्रतिशत( साढ़े तीन लाख) जमा कर नीलामी में छह लोग भाग लिए. शेष पांच की राशि एग्रीमेंट के बाद वापस होगी.
मुख्य बातें
2009-10 में बस पड़ाव बनने के बाद पहली बार हुई नीलामी
1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक (एक साल) के लिए बंदोबस्ती
बंदोबस्ती में शामिल हुए छह लोग, एक आदमी छंट गया
बोली गयी सर्वाधिक राशि का 60% एक सप्ताह में कराना होगा जमा
राशि जमा नहीं करने पर दूसरी सर्वाधिक बोली लगाने वाले के नाम होगी बंदोबस्ती
1 से 15 अक्तूबर तक शेष 40% राशि करनी है जमा
नीलामी के लिए समाहरणालय परिसर में थी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
नीलामी में भाग लेने वालों का रखवा दिया गया था मोबाइल
बंदोबस्ती लेने वाले को बस स्टैंड में पेयजल, लाइट, सफाई, शौचालय की देनी है सुविधा
10 मिनट में समाप्त हो गयी बोली, पूरी नीलामी की हुई वीडियो रिकॉर्डिग
35 लाख रुपये थी नीलामी की सुरक्षित राशि
एसएसपी परिसर की चाय दुकान के पास जुटे थे अपराध जगत के कई दागदार चेहरे
कौन हैं गोल्डी तिवारी
पूर्व में सिदगोड़ा व वर्तमान में बारीडीह विजया गार्डेन निवासी तारकेश्वर तिवारी उर्फ गोल्डी तिवारी अंग्रेजी शराब के थोक कारोबारी हैं. गोल्डी तिवारी ने वर्ष 2005 में लोजपा की टिकट से जमशेदपुर पूर्वी से विधान सभा चुनाव लड़ा था. वर्ष 2009 में बिहार प्रदेश कांग्रेस अनिल शर्मा की उपस्थिति में कांग्रेस ज्वॉइन किया और उसके बाद से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.गोल्डी तिवारी का बिहार, ओड़िशा एवं झारखंड में कंस्ट्रक्शन का भी काम चल रहा है.
हाइकोर्ट जायेगी समिति
मानगो बस स्टैंड में पड़ाव शुल्क (प्रति खेप) के खिलाफ झारखंड यातायात कर्मचारी वेलफेयर स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड हाइकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी. उक्त बातें समिति के अध्यक्ष शिवशंकर दुबे ने कही. जेएनएसी की ओर से निर्धारित पड़ाव शुल्क काफी अधिक है. जेएनएसी की ओर से निर्धारित शुल्क( प्रति खेप ) पूरे राज्य में सबसे अधिक है. स्टैंड में लंबी दूरी की बसों का शुल्क प्रति खेप 100 रुपये, स्थानीय दूरी की बसों का 50 रु, 407,608, मैक्सी, मेटाडोर का 25 रु निर्धारित किया गया है. वहीं सरकारी वाहन शून्य रखा गया है.
सालाना आय 65.70 लाख, बोली 78 लाख
बस स्टैंड की नीलामी एवं बसों से प्रति ट्रीप वसूली की जेएनएसी द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार सालाना आय 65.70 लाख रुपये होती है, लेकिन 78 लाख रुपये की बोली लगायी गयी. रिपोर्ट के अनुसार बस पड़ाव से 180 बसें रोजाना ( 102 लंबी दूरी की बड़ी बस, 26 लोकल बस, 52 छोटी बस मैक्सी, 407,609) खुलती हैं. लंबी दूरी की बसों से प्रति ट्रीप सौ रुपये (प्रतिदिन एक ट्रीप), लोकल बसों से प्रति ट्रीप 50 रुपये (प्रतिदिन 2 ट्रीप) व छोटी बसों से प्रति ट्रीप 25 ( प्रतिदिन 4 ट्रीप) की राशि ही बंदोबस्ती लेने वाले को वसूलनी है. इस प्रकार प्रतिदिन कुल 180 बसों से सौ रुपये के हिसाब से (18000 रुपये) की वसूली होगी जिसकी एक साल में आय 65 लाख 70 हजार होगी.