जमशेदपुर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य में घर-घर शौचालय निर्माण और खुले में शौच मुक्त करने के सरकार लाख दावा कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मनरेगा समेत अन्य सरकारी योजनाओं से बनाये गये शौचालयों का बुरा हाल है. केवल पूर्वी सिंहभूम में 1.44 लाख शौचालय कंडम (स्लिप बैक) अौर बेकार हालत में पड़े हुए हैं. वहीं राज्य में 7 लाख शौचालय बंद है.
जागरुकता व मॉनिटरिंग की रही कमी
शौचालय निर्माण के लिए पूर्व की सरकार ने बिना जागरुकता अभियान चलाये काम शुरू कर दिया. इतना ही नहीं शौचालय बनने के बाद विभागीय स्तर पर मॉनिटरिंग भी नहीं हुई. जिसके वजह से बड़ी संख्या में शौचालय बनने के बाद बेकार हैं.
पुराने शौचालयों को चालू करने का लक्ष्य
बंद व कंडम हालत वाले पुराने शौचालय को ठीक करने के लिये सरकार ने सभी ऐसे शौचालय को दोबारा चालू करने का आदेश दिया है. इसके बाद नये सिरे से शौचालयों की सुधि ली जा रही है. वहीं, दावा किया जा रहा है शौचालय को अब जल्द चालू किया जायेगा.
सम्मेलन के लिए मांगे 70 लाख
बिष्टुपुर अर्मरी मैदान में होने वाले राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मेलन के आयोजन के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सरकार से 70 लाख रुपये के फंड की मांग की है.