मदरसा फैजुल उलूम : जुलूस ए माेहम्मदी से पहले होगी फातिहाख्वानी
जमशेदपुर: मदरसा फैजुल उलूम में 11 दिसंबर की रात के बाद सुबह ए सादिक से पहले हर साल की भांति फातेहाख्वानी का आयाेजन किया जायेगा, जिसमें हजारों की तादाद में लोग शिरकत फरमा कर सवाब ए दारैन हासिल करेंगे. इसकी शुरुआत कायदे अहल ए सुन्नत अल्लामा अरशदुल कादरी ने लगभग 46 साल पहले की थी, […]
जमशेदपुर: मदरसा फैजुल उलूम में 11 दिसंबर की रात के बाद सुबह ए सादिक से पहले हर साल की भांति फातेहाख्वानी का आयाेजन किया जायेगा, जिसमें हजारों की तादाद में लोग शिरकत फरमा कर सवाब ए दारैन हासिल करेंगे. इसकी शुरुआत कायदे अहल ए सुन्नत अल्लामा अरशदुल कादरी ने लगभग 46 साल पहले की थी, जिस पर आज भी मदरसा फैजुल उलूम कायम है.
उनके वेसाल के बाद भी परंपरा काे निभाया जा रहा है. मदरसा फैजुल उलूम के प्रवक्ता हाजी माेहम्मद माेख्तार ने बताया कि कार्यक्रम को कामयाब करने के लिए अवाम ए अहल ए सुन्नत से गुजारिश है कि 11 दिसंबर को दिन गुजार कर रात को सुबह ए सादिक से पहले मदरसा फैजुल उलूम में तशरीफ लायें और उस घड़ी में जिस समय मोहम्मद सअ. की वेलादत हुई है, उस वक्त फातेहा खानी नआत खानी के प्रोग्राम में मसरूफ रहे. इस दाैरान सभी अपने आका सअ. की तारीफ बयां करते-सुनते रहे. सुबह ए सादिक यानी वह वक्त है जब रात का हिस्सा खत्म होता है और दिन का वक्त आरंभ होता है, अपने आका सअ. की बारगाह में खड़े हो कर सलातो सलाम पेश करेंगे.
हाजी माेहम्मद माेख्तार ने कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी के दाैरान ढोल-ताशे से सख्ती से बचें.
12 काे रबीउल अव्वल : इमारत ए शरीया के प्रमुख काजी सऊद आलम ने कहा कि 29 रबीउल अव्वल का आयाेजन 12 दिसंबर काे किया जायेगा. इस संबंध में सभी मसजिदाें से जरूरी ऐलान कर दिया गया है. इस दाैरान सभी लाेग अधिक से अधिक सलाताे-सलाम पढ़े, कुरआन पढ़े. किसी दूसरे काे कतई परेशान नहीं करे, इसका विशेष ख्याल रखें.