आज 109 वर्ष बीत चुके हैं. 1944 में डिमना डैम एवं सोनारी एयरपोर्ट बनने से मूल रैयत विस्थापित हुए, लेकिन विस्थापितों को मुआवजा, नौकरी, विस्थापित प्रमाण पत्र, पुनर्वास समेत अन्य कोई सुविधा नहीं दी गयी. वे आज अपने हक व अधिकार के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं. कंपनी की ओर से बहाली में विस्थापितों को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए.
BREAKING NEWS
Advertisement
15 को विस्थापितों का धरना-प्रदर्शन
जमशेदपुर. झारखंड मूलवासी अधिकार मंच 15 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगा. टाटा विस्थापित मूल रैयत खतियानधारी आदिवासी व टाटा कंपनी विस्थापित संघर्ष समिति खतियान के साथ धरना-प्रदर्शन करेगा. यह जानकारी मंच के केंद्रीय संयाेजक हरमोहन महतो ने दी. उन्होंने कहा कि टाटा कंपनी बनने से 18 मौजा के आदिवासी-मूलवासी […]
जमशेदपुर. झारखंड मूलवासी अधिकार मंच 15 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगा. टाटा विस्थापित मूल रैयत खतियानधारी आदिवासी व टाटा कंपनी विस्थापित संघर्ष समिति खतियान के साथ धरना-प्रदर्शन करेगा. यह जानकारी मंच के केंद्रीय संयाेजक हरमोहन महतो ने दी. उन्होंने कहा कि टाटा कंपनी बनने से 18 मौजा के आदिवासी-मूलवासी रैयतधारी विस्थापित हुए थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement