मुंबई: टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) की मंगलवार को करीब 150 मिनट तक चली इजीएम (असाधारण आम बैठक) का देर रात परिणाम जारी हुआ. वही हुआ जो तय माना जा रहा था. टीसीएस के 197.04 करोड़ शेयर में से 170.95 करोड़ शेयर रखने वाले शेयरधारकों ने सायरस मिस्त्री को हटाने के पक्ष में मतदान किया. कंपनी के अनुसार 93.11 प्रतिशत शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में, वहीं 6.89 प्रतिशत ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया.हालांकि, इस बैठक में कई आवाजें सायरस मिस्त्री के पक्ष में भी जोरशोर से उठीं. मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से पहले ही हटाया जा चुका है.
इससे पूर्व सायरस मिस्त्री की शेयरधारकों को संबोधित चिट्ठी को कंपनी सेक्रेट्री ने सबके सामने पढ़ा. इसमें मिस्त्री ने कहा कि उनकी लड़ाई पद के लिए नहीं है, बल्कि वह देश के सबसे बड़े समूह की आत्मा को बचाने के लिए लड़ रहे हैं.
मिस्त्री रहे अनुपस्थित, टाटा रहे मौजूद : खास बात यह है कि मिस्त्री असाधारण आम बैठक में शामिल नहीं हुए. टीसीएस उन सात कंपनियों में से पहली है, जिनके बोर्ड से इस महीने के दौरान मिस्त्री को हटाने का प्रस्ताव लाया जाएगा. हालांकि, टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा बैठक के दौरान उपस्थित रहे.
इशात ने नहीं की इजीएम की अध्यक्षता : टीसीएस के अंतरिम चेयरमैन इशात हुसैन ने बैठक की अध्यक्षता करने से खुद को अलग कर लिया.
नतीजा तय था, लेकिन मिस्त्री के पक्ष में भी उठी आवाज : नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले 103 अरब डॉलर के समूह की कर्ताधर्ता कंपनी टाटा सन्स के टीसीएस में 73 प्रतिशत शेयर हैं. मतदान का नतीजा लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन, इस निरंतर जारी मुद्दे को लेकर अल्पांश शेयरधारकों के बीच विभाजन दिखा. कुछ अल्पांश शेयरधारकों ने मिस्त्री के पक्ष में आवाज उठाई.
150 मिनट तक चली इजीएम, 38 शेयरधारकों ने रखी बात : कुल 150 मिनट तक चली इजीएम में 38 शेयरधारकों ने अपनी बात रखी. अधिकांश ने टाटा का समर्थन किया. कुछ गिने चुने शेयरधारकों ने मिस्त्री का समर्थन किया और उनके लिए तालियां भी बजीं.
स्वतंत्र निदेशक अमन मेहता ने की अध्यक्षता : स्वतंत्र निदेशक अमन मेहता ने बैठक की अध्यक्षता की. मेहता ने कहा कि मिस्त्री ने प्रवर्तक समूह टाटा संस और टाटा ट्रस्ट का विश्वास और भरोसा गंवा दिया है. जबकि, उन्होंने ही मिस्त्री को नामांकित किया था. टीसीएस के बेहतर हित में यह होगा कि मिस्त्री अब हट जाएं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों ने पूरे मुद्दे को विस्तार से समझने के लिए अलग से बैठक की. यह हम सभी को यह स्पष्ट है कि मौजूदा मुद्दे से कंपनी के कामकाज पर कुछ नकारात्मक असर पड़ेगा.
कुछ सप्ताह से समूह में हावी है व्यक्तिगत एजेंडा : मिस्त्री ने टीसीएस के शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कामकाज के बेहतर संचालन को हवा में फेंक दिया गया और इसका स्थान मनमाने रवैये, अपनी पसंद और व्यक्तिगत एजेंडा ने ले ली है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने नैतिकता के सिद्धान्तों को गिरते देखा. कुछ लोगों के रवैये से संस्थान की बुनियाद को जोखिम में डाला गया.” असाधारण आम बैठक में कंपनी सचिव ने मिस्त्री के बयान को पढ़ा.
टाटा संस में रतन टाटा की पकड़ हुई और मजबूत : मिस्त्री को 24 अक्तूबर को अचानक से टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था, लेकिन वह समूह की विभिन्न कंपनियों के प्रमुख बने रहे. अंतरिम चेयरमैन के तौर पर मिस्त्री की जगह लेने वाले रतन टाटा ने बोर्डों से और संचालन कर रहीं कंपनियों से मिस्त्री को हटाकर समूह पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है. सोमवार को ही टाटा सन्स की सहायक कंपनी टाटा इंडस्टरीज ने मिस्त्री को निदेशक पद से हटाया था.
शेयरधारक आदिल ने पूछा- क्या आप ऑफिस ब्वाय या ड्राइवर को इस तरह से हटा सकते हैं?
कुछ शेयरधारकों ने अध्यक्षता कर रहे श्री मेहता के जवाब में मनमानी पाते हुए बोलना शुरू कर दिया और विस्तार से जवाब देने की मांग की. इसके बाद मेहता ने बैठक समाप्त कर दी. एक नाखुश शेयरधारक आदिल ईरानी ने कहा, ‘‘क्या आप किसी आफिस ब्वाय या ड्राइवर को इस तरीके से हटा सकते हैं? मिस्त्री मेरे चेयरमैन हैं. मैं विशेष कारण जानना चाहता हूं कि उन्हें क्यों हटाया गया?”
इधर, टाटा संस ने टाटा मोटर्स में 2,430 करोड़ रुपये की अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदी
टाटा संस ने टाटा मोटर्स में दो प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी 2,430 करोड़ रुपये में खरीदी है. सायरस मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के लिए वाहन कंपनी के शेयरधारकों की बैठक से कुछ दिन पहले यह कदम उठाया गया है. शेयर बाजाराें पर उपलब्ध थोक सौदे के आंकड़ों के अनुसार टाटा संस ने टाटा मोटर्स के कुल पांच करोड़ शेयर या 1.73 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. इनकी खरीद औसतन 486.13 रुपये प्रति शेयर के भाव पर की गयी है. फिलहाल टाटा संस के पास टाटा मोटर्स की 26.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है.