टीचर नहीं मानते ट्रैफिक रूल, बच्चे को कैसे सिखायेंगे

जमशेदपुर: शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जमशेदपुर पुलिस और टाटा स्टील संयुक्त अभियान चला रही है. स्कूलों से इसकी शुरुआत इसलिए की गयी कि बच्चों को ट्रैफिक नियम और सड़कों पर चलते हुए सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जा सके. हर स्कूल में सुरक्षा संबंधी जानकारी देने और संबंधित कानून का अनुपालन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2014 9:33 AM

जमशेदपुर: शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जमशेदपुर पुलिस और टाटा स्टील संयुक्त अभियान चला रही है. स्कूलों से इसकी शुरुआत इसलिए की गयी कि बच्चों को ट्रैफिक नियम और सड़कों पर चलते हुए सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जा सके. हर स्कूल में सुरक्षा संबंधी जानकारी देने और संबंधित कानून का अनुपालन कराने के लिए सेफ क्लब संचालित हो रहा है.

स्कूली बच्चों, अभिभावकों से लेकर वैन चालकों और अन्य लोगों पर यह कानून लागू किया गया है. लेकिन स्कूलों के कई शिक्षक और स्टाफ इन नियमों का पालन नहीं करते हैं. वाहन चलाते वक्त हेलमेट तक नहीं पहनते लेकिन उनको स्कूलों में इंट्री मिल जाती है. सवाल उठता है कि बच्चों को नियम-कानून बताने और हेलमेट पहनने की सीख देने वाले जब खुद ही नियम का अनुपालन नहीं करते हैं, तो बच्चों पर उसका कितना प्रभाव पड़ेगा. इसकी पड़ताल करने के लिए ‘प्रभात खबर’ ने तीन स्कूल (लोयोला , जेपीएस बारीडीह और राजेंद्र विद्यालय,साकची) का सर्वेक्षण किया. जब स्कूलों में शिक्षक व स्टाफ प्रवेश करते हैं. उसमें पाया गया कि तीनों ही स्कूलों में शिक्षक व स्टाफ बिना हेलमेट पहने वाहनों पर सवार होकर स्कूल में इंट्री करते हैं.
राजेंद्र विद्यालय, साकची

क्या है स्थिति : टीचर और नन टीचिंग स्टाफ वाहन पर सवार होकर आते-जाते रहे. इस दौरान किसी ने भी हेलमेट नहीं पहन रखा था. कुछ लोग हेलमेट साथ लाये भी थे तो अपनी गाड़ी के हैंडल में लटकाये हुए थे.

हेलमेट के बिना इंट्री की इजाजत नहीं. बिना हेलमेट की इंट्री की इजाजत किसी को नहीं है. हमारे यहां सेफ क्लब ही नहीं बल्कि स्कूल प्रबंधन का ही सख्त आदेश है. लिहाजा, इस नियम का अनुपालन कराना सुनिश्चित होता है.

-पीबी सहाय, प्राचार्य, राजेंद्र विद्यालय

Next Article

Exit mobile version