मवि शिक्षकों के भरोसे मैट्रिक की परीक्षा देंगे 42 उमवि के विद्यार्थी
जमशेदपुर : जिला ही नहीं, राज्य भर के उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में आधारभूत संरचना व संसाधनों की कमी है. यहां तक कि अनेक विद्यालयों में शिक्षक ही नहीं हैं. जिले में 42 उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, जहां से इस बार भी मैट्रिक की परीक्षा में छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं […]
जमशेदपुर : जिला ही नहीं, राज्य भर के उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में आधारभूत संरचना व संसाधनों की कमी है. यहां तक कि अनेक विद्यालयों में शिक्षक ही नहीं हैं. जिले में 42 उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, जहां से इस बार भी मैट्रिक की परीक्षा में छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं. वे मध्य विद्यालयों के शिक्षकों के भरोसे ही नौवीं व 10वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हीं के भरोसे मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगे.
सिर्फ 15 उउवि में हैं शिक्षक : जिले में उत्क्रमित उच्च विद्यालयों की कुल संख्या 57 है. इनमें से मात्र 15 विद्यालय ही ऐसे हैं, जहां 87 शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं. इसके बाद शेष 42 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं और न ही उच्च विद्यालय के लिए अलग भवन है. जबकि छात्रों की संख्या सैकड़ों में है.
उमवि हेंसड़ा में 350 से अधिक विद्यार्थी, शिक्षक एक भी नहीं : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, जहां छात्र-छात्राओं की संख्या 250 या इससे अधिक है, लेकिन शिक्षक एक भी नहीं हैं. इसका एक उदाहरण है पोटका प्रखंड स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय हेंसड़ा. इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या 350 से अधिक है, लेकिन एक भी शिक्षक या शिक्षिका नहीं हैं. मध्य विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं ही नौवीं व 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाते हैं.
प्रतिनियुक्ति की भी समस्या : इस संबंध में पूछने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से अन्य उच्च विद्यालयों से शिक्षक-शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति करने में भी समस्या बतायी जाती है. जिले में विभिन्न कोटि के 130 सरकारी उच्च विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की संख्या मात्र 161 है. ऐसे में उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने में असमर्थता जतायी जा रही है.