बाकी बंद होने के कगार पर हैं. इसका कारण है कि आयरन ओर (लौह अयस्क) उपलब्ध होते हुए भी स्थानीय छोटे उद्योगों (एमएसएमइ) को नहीं मिल पा रहा है. इन उद्योगों को दूसरे राज्यों से ज्यादा मूल्य देकर आयरन ओर खरीदना पड़ रहा है. इसकी वजह से यहां के माइंस ओनर (लीजधारी) द्वारा कोल्हान के उद्योगों को ज्यादा कीमत पर कच्चा माल दिया जाता है, जिससे उत्पादन लागत ज्यादा पड़ रहा है. करीब 20 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली इन कंपनियों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है.
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि कोल्हान में स्थित माइंस और सेल की माइंस से कोल्हान क्षेत्र में स्थित उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध कराया जाये. प्रतिनिधिमंडल में संस्था के संरक्षक कुलवंत सिंह बंटी, एमार एल्वायज प्राइवेट लिमिटेड के बिनोद कुमार सिन्हा, जयमंगला स्पंज आयरन लिमिटेड के जवाहर विग, सिद्धि विनायक प्राइवेट लिमिटेड के शंकर अग्रवाल, सीआइएल इंडस्ट्रीज के गौरव लता, सीआइएल इंडस्ट्रीज के प्रभात चौबे समेत अन्य लोग शामिल थे.