बदलाव: उद्यमियों को मिली लेबर लॉ व फैक्ट्री एक्ट की जानकारी, शुल्क आधारित होगा लाइसेंस

आदित्यपुर: एसिया भवन में बुधवार को उद्यमियों को लेबर लॉ व फैक्ट्री एक्ट के नये प्रावधानों की जानकारी देने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें उद्यमियों की सुविधा के लिए आधुनिक ऑनलाइन व्यवस्था और ऑनलाइन निबंधन व लाइसेंस आदि के नवीनीकरण में आ रही दिक्कतों को दूर करने के बारे में भी बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 7:44 AM
आदित्यपुर: एसिया भवन में बुधवार को उद्यमियों को लेबर लॉ व फैक्ट्री एक्ट के नये प्रावधानों की जानकारी देने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें उद्यमियों की सुविधा के लिए आधुनिक ऑनलाइन व्यवस्था और ऑनलाइन निबंधन व लाइसेंस आदि के नवीनीकरण में आ रही दिक्कतों को दूर करने के बारे में भी बताया गया. संगोष्ठी में चीफ इंस्पेक्टर ऑफ फैक्ट्री एके मिश्रा ने बताया कि जितने साल का शुल्क जमा किया जायेगा उतने ही साल का फैक्ट्री लाइसेंस मिलेगा.

उन्होंने बताया कि 15 जनवरी के बाद लाइसेंस का नवीनीकरण कराने पर 50 प्रतिशत जुर्माना लगेगा. इसलिए समय रहते यह काम कर लेना है. जिले में 545 लाइसेंस निर्गत किये जा चुके हैं और 78 आवेदन आवेदनकर्ता स्तर पर लंबित हैं. लंबित आवेदनों की कमियों को 10 जनवरी तक दूर कर लेना है. बहुत से आवेदकों ने नवीनीकरण की जगह निबंधन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. इसमें सुधार करवाया जा रहा है. इस अवसर पर एसिया अध्यक्ष इंदर अग्रवाल, ट्रस्टी एसएन ठाकुर के अलावा निर्मल काबरा, अशोक चौधरी, राजीव रंजन, संतोख सिंह, दीपक डोकानिया, प्रवीण गुटगुटिया, सुधीर सिंह समेत कई उद्यमी व कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

थर्ड पार्टी ऑडिट पर दिया गया जोर
कार्यक्रम में संयुक्त श्रमायुक्त प्रभात कुमार ने स्वेच्छिक थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने पर जोर देते हुए बताया कि लेबर लॉ व फैक्ट्री एक्ट दोनों के लिए अलग-अलग अनुभवी व सेवानिवृत ऑडिटर हैं. इसके लिए शुल्क तय नहीं है. कंपनी मालिक व ऑडिटर मिलकर शुल्क तय करेंगे. इस ऑडिट के लिए तय चेक लिस्ट वेबसाइट पर डाला हुआ है. सिर्फ उसमें है या नहीं टिक करना है. यह एक साल के लिए वैध है. इससे इंस्पेक्शन नहीं होता है और उद्यमी भयमुक्त होकर काम कर सकते हैं.
निरीक्षण की प्रक्रिया हुई पारदर्शी
लेबर लॉ व फैक्ट्री एक्ट के अनुपालन के लिए होने वाले कंपनियों के निरीक्षण की प्रक्रिया काफी पारदर्शी बनायी गयी है. जिले में इसके लिए सूची निकाली जाती है. उसी के अनुसार निरीक्षण होगा. निरीक्षण 48 घंटों के अंदर अपनी रिपोर्ट विभाग में ऑनलाइन दर्ज करेंगे. इसके बाद संबंधित व्यक्ति के पास ई-मेल व मोबाइल पर आइडी का मैसेज आयेगा. इसके माध्यम से इंस्पेक्शन रिपोर्ट देखी जा सकती है. उसमें क्या खामियां दिखायी है उसे दूर कर पुन: फाइल किया जा सकता है.
कई नयी ऑनलाइन सेवाएं शुरू
संगोष्ठी में विभाग द्वारा शुरू की गयी कई नयी ऑनलाइन सेवाओं स्वप्रमाणीकरण योजना की जानकारी दी गयी. इसमें बताया गया कि इंस्पेक्शन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन करते हुए इसमें कई सुधार किये गये हैं. फैक्ट्री एक्ट में नक्शा का सत्यापन, लाइसेंस का निबंधन व नवीनीकरण आदि ऑनलाइन की जा रही है. अब उद्योग के विवरण के लिए खाता नहीं रखना है, इसका सॉफ्ट डाटा दिया जा सकता है.

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