भाजपा कार्य समिति की बैठक में छाया रहा सीएनटी-एसपीटी का मुद्दा, अर्जुन मुंडा ने सीएम को दी नसीहत

जमशेदपुर : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन भी सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का मुद्दा छाया रहा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, विपक्ष की हवा में किसी को बहने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को आपत्ति है, तो हम खुले मंच पर बात करने को तैयार हैं और सरकार का दरवाजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 9:12 PM

जमशेदपुर : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन भी सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का मुद्दा छाया रहा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, विपक्ष की हवा में किसी को बहने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को आपत्ति है, तो हम खुले मंच पर बात करने को तैयार हैं और सरकार का दरवाजा हमेशा खुला हुआ है. उन्होंने कहा कि आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वालों को बरदाश्त नहीं की जायेगी.

श्री दास ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन व सरलीकरण का जो काम किया गया है, वह राज्यहित में है. इसको लेकर अर्जुन मुंडा ने भी सुझाव दिया है.हमारी नीति व नियत साफ है, लेकिन कुछ लोग हैं, जो आदिवासी के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और आदिवासियों के नाम पर स्वार्थ की रोटी सेंक रहे है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं, जो अपने निजी एजेंडे को पार्टी पर लागू करना चाहते हैं, इसे कार्यकर्ता बरदाश्त नहीं करेंगे. हम लोगों ने जनता के बीच जाने का फैसला लिया है और विरोधियों की हवा को अपनी ओर मोड़ने में भाजपा के लोग सक्षम हैं.
वहीं, अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार को किसी भी तरह का फैसला लेने के पहले यह सोचना चाहिए कि इसका दूरगामी परिणाम भी पड़ेगा या शार्ट टर्म में इसका लाभ दिखेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
अर्जुन मुंडा ने अपने तर्क में कहा कि त्रिपुरा राज्य छठे शिड्यूल के अंतर्गत आता है. इस मुद्दे पर पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर जमीन पर कोई व्यक्ति लोन लेता है, तो उसकी जमीन को बैंक नीलाम कर सकता है. ऐसी परिस्थिति में सरकार का जो संशोधन है, उसके तहत अगर किसी मालिकाना हक वाले व्यक्ति की जमीन लेकर कोई भी कंपनी लगती है या किसी तरह का इस्तेमाल होता है, तो उसमें 51 फीसदी हिस्सा जमीन के मालिक का होगा, जबकि 49 फीसदी निवेशक का होगा.

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