अधिकारियों ने सारंडा काे उजाड़ने वालों का साथ दिया : सरयू
जमशेदपुर : मंत्री सरयू राय ने मकर संक्रांति पर संकल्प लिया है कि वे सारंडा के अवैध खनन को रोकने और वन विभाग, पथ निर्माण विभाग और खनन विभाग द्वारा की जा रही नियमों की अनदेखी और अवैध उत्खनन से हो रहे नुकसान के बारे में एक पुस्तक तैयार करेंगे. साथ ही सरकार पर दबाव […]
जमशेदपुर : मंत्री सरयू राय ने मकर संक्रांति पर संकल्प लिया है कि वे सारंडा के अवैध खनन को रोकने और वन विभाग, पथ निर्माण विभाग और खनन विभाग द्वारा की जा रही नियमों की अनदेखी और अवैध उत्खनन से हो रहे नुकसान के बारे में एक पुस्तक तैयार करेंगे. साथ ही सरकार पर दबाव डालेंगे कि यदि यह सही है तो इसको लेकर तत्काल अधिकारियों पर कार्रवाई करें.
सरयू राय ने यह बातें प्रभात खबर से बिष्टुपुर स्थित आवास पर खास बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि उनका फोकस होगा कि इस साल अपने विभाग की छोटी-मोटी खामियाें को दूर करें. गढ़वा में 15 से 25 रुपये धान की खरीद पर लिया जा रहा था, जिसको उन्होंने रोकते हुए एसडीओ को कार्रवाई करने को कहा है, जिसके तहत तत्काल कार्रवाई की जा रही है.
नियमों का उल्लंघन कर बन रही सड़कें : श्री राय ने बताया कि गुवा से सलाई के बीच की दस किमी तक करीब तीन मीटर की चौड़ाई को बढ़ाकर सड़क आठ मीटर कर दी गयी है. नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) में इसका केस चल रहा है. इस पर रोक भी लगायी गयी है, लेकिन निर्माण कार्य चल रहा है. धोबिन माइंस से मनोहरपुर तक की सड़क भी अवैध तरीके से बनायी जा रही है, जिसको लेकर किसी तरह की मंजूरी नहीं ली गयी और जंगल के बीच से ही सड़क बनायी जा रही है जबकि बिहार सरकार ने कच्ची सड़क को बनाने के लिए 1996 में मंजूरी दी थी. यहीं नहीं, बंदगांव से चक्रधरपुर के एनएच 75 तक की सड़क को भी चौड़ा किया जा रहा है. इसका भी क्लियरेंस नहीं मिला है.
10 साल बाद पूरी तरह उजड़ जायेगा सारंडा
श्री राय ने कहा कि सरकार के भीतर -बाहर के लोगों द्वारा किस तरह कानून का उल्लंघन कर सारंडा के वन क्षेत्र को बरबाद किया जा रहा है, उन्हें रोकने के लिए कदम उठाया जायेगा. खासकर वन विभाग के अधिकारी, जिन पर वनों को बचाने का दारोमदार है, लेकिन वे वनों को बरबाद होने से रोकने के बजाय वनों की कटाई करने वालों का सहयोग कर रहे हैं. इसके उदाहरण स्वरुप उनके पास कई तथ्य मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि वन, खनन और पथ निर्माण विभाग मनमना रवैया अपना रहे हैं. उस पर अंकुश नहीं लगा तो दस साल में सारंडा वन क्षेत्र उजड़ जायेगा. नदी के प्रवाह को भी रोक दिया गया है. वहां विकास के नाम पर जो काम चल रहे हैं, वे वन अधिनियम और पर्यावरण अधिनयम की इजाजत के बिना ही किये जा रहे हैं, जिससे जंगल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. केंद्र को उल्लंघन दिखा, राज्य राज्य के अधिकारियों को क्यों नहीं ? : सरयू राय ने कहा कि भारत सरकार के अधिकारियों ने आर्सेलर-मित्तल के माइंस को दूसरे दर्जे का क्लियरेंस देने से रोक दिया है. भारत सरकार के अधिकारियों को वहां वनों को नुकसान पहुंचना दिख गया, लेकिन झारखंड के वन अधिकारियों को ऐसा नहीं दिखा और खनन विभाग के अधिकारी को भी उल्लंघन नहीं दिखा.
हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध उत्खनन जारी
मंत्री सरयू राय ने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य में अवैध उत्खनन का कार्य नहीं रुका है. यह गंभीर मामला है. इस ओर अभी तक गंभीरता नहीं दिखायी गयी है.झारखंड हाइकोर्ट ने 6 अगस्त 2016 को अवैध खनन के मामले में यह आदेश दिया था कि या तो दो माह में राज्य में उत्खनन कर रही सभी कंपनियांे के दस्तावेज सौंपे कि कंपनियां कोई उल्लंघन नहीं कर रही हैं या तत्काल उनके काम को बंद करायें. लेकिन आज तक काम चल ही रहा है इस दिशा में सरकार की ओर से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
पुख्ता प्रमाण है, जीपीएस वाली तसवीरें मेरे पास
मंत्री श्री राय ने कहा कि अवैध उत्खनन से जुड़ी जीपीएस वाली तसवीरें उनके पास हैं, जिसे कोई झुठला नहीं सकता है. इसके पुख्ता प्रमाण भी हैं. तसवीर में साफ तौर पर अवैध उत्खनन दिख रहा है. आवश्यकता पड़ने पर वे इसे प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं.