जमशेदपुर. टाटा स्टील के कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन रुकना तय है. सूत्रों के मुताबिक, यूनियन की रजामंदी के बाद ही इसको लागू किया गया है. बताया जाता है कि बोनस के वक्त ही जब मामला फंसा था, तब अंदरूनी तौर पर यूनियन के टॉप थ्री ने इसका समझौता अंदरुनी तौर पर कर लिया था, जिसकी किसी तरह भनक नहीं लगने दी गयी. इसके बाद जनवरी माह में इसको लागू कर दिया गया और नया नियम लगा दिया गया कि वाइस प्रेसिडेंट के स्तर पर ही मेडिकल एक्सटेंशन मिल सकता है.
सवाल यह है कि अंतिम फैसला कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट की ओर से लिया जाना है तो मेडिकल बोर्ड का बैठना ही बंद क्यों कर दिया गया. इसका जवाब यूनियन के पास नहीं है. मैनेजमेंट और यूनियन महज आइवाश कर मीटिंग कर रही हैं ताकि कर्मचारियों का हित में अपने चेहरे को बचाया जा सके और यह माहौल बनाया जा सके कि कर्मचारियों के हित में यूनियन काम कर रही है.
फरवरी के बाद मार्च और फिर एक-एक कर एक्सटेंशन मिलेगा!. फरवरी माह के बाद मार्च और फिर एक-एक कर एक्सटेंशन हर माह दिया जाता रहेगा, यही रणनीति है ताकि यूनियन का चेहरा बचा रहे. 2018 से हर हाल में इसको बंद करने का फैसला लिया जा चुका है.
बुधवार को मीटिंग नहीं हुई, सुस्ता रही यूनियन. बुधवार को इस संदर्भ में मीटिंग नहीं हुई. फरवरी माह तक के लिए एक्सटेंशन तो मिल गया है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. अब सारे लोग सुस्ता रहे कि फरवरी माह तक ही किसी तरह का फैसला ले लिया जायेगा.
समझौता का आरोप निराधार : अध्यक्ष. यूनियन अध्यक्ष अार रवि प्रसाद ने समझौते के आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा िक यह गलत बयानबाजी की जा रही है और सूचनाएं भी लोगों में गलत दी जा रही है. हम लोग बात कर स्थायी समाधान निकाल रहे हैं.
विपक्ष ने की मीटिंग, अध्यक्ष पर बनायेगा दबाव
बिष्टुपुर साउथ पार्क में टाटा वर्कर्स यूनियन के कमिटी मेंबरों की बैठक हुई. इसमें भगवान सिंह, एम भास्कर राव, अरुण कुमार सिंह, आरसी झा, सरोज कुमार सिंह, अब्दुल कादिर, पीके सिंह, करम अली खान समेत 20 कमेटी मेंबर उपस्थित थे. बैठक में मेडिकल एक्सटेंशन पर आज तक सकारात्मक फैसला नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गयी. सभी वक्ताओं ने इस अभियान में और कमेटी मेंबर साथियों को जोड़ने पर मंथन किया जिससे कि इसमें निर्णायक फैसला हासिल किया जा सके और भविष्य में कर्मचारियों के हितों और जारी सुविधाओं पर कुठाराघात से बचा जा सके. सभी कमेटी मेंबरों से अपील की गयी है कि दलगत भावनाओं को दरकिनार कर इस अभियान में जुटें, जिससे कि कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन की रक्षा सुनिश्चित हो सके. सभी कर्मचारियों से यह अपील की गयी कि वे अपने विभागीय कमेटी मेंबरों को प्रेरित करें कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें.