profilePicture

काजी मुश्ताक 15 दिन के लिए किये गये निलंबित

जमशेदपुर : जुगसलाई की कई प्रमुख मसजिदाें से ताल्लुक रखनेवाले काजी मुश्ताक द्वारा धातकीडीह की मक्का मसजिद के इमाम मंजर माेहसिन का बायकॉट करने संबंधी लिखित शिकायत पर जुमेरात काे धातकीडीह मदरसा में हुई बैठक हंगामेदार रही. काजी मुश्ताक ने अपने कारण बताआे नाेटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा किसी का विराेध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2017 7:52 AM

जमशेदपुर : जुगसलाई की कई प्रमुख मसजिदाें से ताल्लुक रखनेवाले काजी मुश्ताक द्वारा धातकीडीह की मक्का मसजिद के इमाम मंजर माेहसिन का बायकॉट करने संबंधी लिखित शिकायत पर जुमेरात काे धातकीडीह मदरसा में हुई बैठक हंगामेदार रही. काजी मुश्ताक ने अपने कारण बताआे नाेटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा किसी का विराेध नहीं किया जा रहा है, जिन कार्यक्रमाें का हवाला देकर उनसे सवाल किये गये हैं, उनमें वे अपनी मजबूरी के कारण नहीं जान पाये थे.

मंजर माेहसिन का विराेध आैर मदरसा फैजुल उलूम की खिलाफत संबंधी दूसरे सवाल का जवाब लिखित रूप से काजी मुश्ताक ने नहीं दिया. लाेगाें ने काजी मुश्ताक के बयान काे पूरी तरह से खारिज कर दिया. कमेटी के फैज रब्बानी ने काजी मुश्ताक काे पहले एक माह की चेतावनी देने का फैसला किया, इसके बाद हुए हंगामे के बाद उन्हें 15 दिनाें के लिए निलंबित कर दिया गया है.

जुमा की नमाज के बाद भी इस मामले काे लेकर हंगामा हाेने की संभावना है. मदरसा में हाजी नइम की अध्यक्षता में आयाेजित बैठक में सूफी निजाम खान, एनुद्दीन खान, डॉक्टर नसीब, अनीस खान, मेराज खान, तन्ना खान, अब्दुल रऊफ मुन्ना, कासिम खां आदि उपस्थित थे. गौरतलब है कि 16 जनवरी काे इमाम मंजर माेहसिन समेत करीब पांच साै से अधिक लाेगाें ने लिखित शिकायत की थी कि काजी मुश्ताक द्वारा साजिश के तहत जिन कार्यक्रमाें में मक्का मसजिद के इमाम मंजर माेहसिन जाते हैं, उसका बायकॉट किया जा रहा है.

फितना मेेरी फितरत में नहीं : काजी मुश्ताक

मदरसा फैजुल उलूम में 15 वर्षाें से तालिम दे रहे काजी मुश्ताक ने कहा कि फितना उनकी फितरत में नहीं है. रहा सवाल किसी जलसे में उनके जाने या नहीं जाने का, यह तय करने का अधिकार उन्हें कम से कम है. मदरसा फैजुल उलूम में आयाेजित बैठक का काेई आैचित्य नहीं है, उस बैठक में सदर-सचिव नहीं हैं. उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. जिन कमेटियाें के जलसे में बायकॉट किये जाने की बात कही जा रही है. उन्हाेंने लिखित रूप से दिया है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है. कमेटियाें ने अवार्ड नहीं दिया, ताे इसका दाेष उन पर क्याें लगाया जा रहा है. इस मामले में जलसे के इंतजामिया कासिम अजीजी से बात की जानी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version