जमशेदपुर: भारत को सशक्त हिंदू राष्ट्र बनाने के एजेंडा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्थापना काल से ही काम करता रहा है और आगे भी करता रहेगा. स्वयंसेवकों को जनता से जुड़ कर काम करने के साथ-साथ समाज में अनुशासन स्थापित करने की पहल करना चाहिए.
यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक (प्रमुख) डॉ मोहन भागवत ने कहीं. वे रविवार को सुबह बिष्टुपुर स्थित साउथ पार्क मैदान में आयोजित महानगर एकत्रीकरण सह बौद्धिक वर्ग कार्यक्रम में संघ और इससे जुड़े संगठनों से जुड़े लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उत्तर पूर्व क्षेत्र के संघ चालक सिद्धिनाथ सिंह, झारखंड प्रांत के प्रांत संघ चालक देवव्रत वाहन, जमशेदपुर महानगर के संघ चालक वी नटराजन मौजूद थे.
अभी संघ के अनुकूल हैं देश में परिस्थितियां, सावधान रहना जरूरी
डॉ मोहन भागवत ने कहा कि संघ की परिकल्पनाओं को मूर्त रूप लेने का समय आ गया है. परिस्थितियां संघ के अनुकूल हैं. डॉ. हेडगेवार ने जो सपना देखा था, उसे हम इस जन्म में सच होते हम देख पायेंगे इसकी पूरी संभावना है. लेकिन, साथ ही स्वयं सेवकों को सतर्क रहने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि संघ के विस्तार के संबंध में अब सही सवाल पूछे जाने लगे हैं. संघ जो काम कर रहा है, उसमें लोगों की जिज्ञासा सही दिशा में सामने आयी है.
रतन टाटा भी चाहते है संघ की शाखा देखना
सर संघ चालक ने कहा कि उद्योगपति रतन टाटा करीब एक घंटा संघ के मुख्यालय में बिताये. बहुत सारे सवाल पूछे, जो संघ से संबंधित नहीं, विषय से अलग थे. उनका एक ही सवाल था कि यह सब आप कैसे कर पाते हैं? तो हमारा जवाब था कि हम संघ की संगठन शक्तियों और शाखाओं के माध्यम से ऐसा कर पाते हैं. जब रतन टाटा ने शाखा देखने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने कहा कि मुंबई में जल्द ही वे शाखा देख सकेंगे.
प्रतिदिन एक घंटा शाखा में बितायें
डॉ. भागवत ने संघ सदस्यों से प्रतिदिन एक घंटा शाखा में बिताने के लिए कहा ताकि देश और समाज के बारे में सोच सकें. हम संघ के अंग हैं और हमने हिंदू धर्म और अपनी पवित्र संस्कृति को बचाने की प्रतिज्ञा ली है. उन्होंने कहा कि संघ के लोग समाज के अधिक से अधिक लोगों को जोड़े ताकि एक बेहतर हिंदू राष्ट्र व समाज का निर्माण हो सके. उन्होंने कहा कि संघ आज 90 साल का हो गया और अगले साल 91 का हो जाएगा. 1925 मे संघ की स्थापना जिस कारण से हुई थी, उसे संघ पूरा आज भी पूरा कर रहा है. संघ का जो मकसद पहले था और आज भी है.
संघ जो कहता है, वह करता है
डॉ भागवत ने कहा कि मुझे क्या बोलना है यह सबको पता है. मेरी जगह कोई और व्यक्ति भी आएगा तो वही बोलेगा जो मुझे बोलना है. मैं कोई नयी बात नहीं बोलने जा रहा हूं. सामान्यत: लोग जब भाषण सुनने आते हैं तो वह सिर्फ भाषण का हिस्सा बनते हैं, सुनते नहीं है. कई बार राजनीतिक दल भाषण देते हैं और भूल जाते हैं, वह करने के लिए नहीं होता है. लेकिन संघ जो कहता है, वह करता है. इसके लिए निरंतरता जरूरी है.
स्वयंसेवक अपनी गतिविधियां तेज करें, तब मिलेगी सफलता
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों को अपनी गतिविधियां बढ़ानी होगी. समाज के साथ और निकट का संबंध कायम करना होगा. समाज के लोगों को एक अच्छी विचारधारा से जोड़ना होगा. समाज में दोस्ती करनी पड़ेगी उनकी परेशानियों के साथ होना होगा और उसको दूर करना होगा. संघ की शाखा में जायें और काम सीखें. समाज को गतिमान बनायें. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवको को समाज के विकास में सहयोगी बनना होगा ताकि लोगों को लगे कि संघ जनता के बारे में ही सोचता है.
काली टोपी व अनुशासन की अनिवार्यता दिखी
आरएसएस के महानगर एकत्रीकरण सह बौद्धिक वर्ग कार्यक्रम में अनुशासन दिखा. पुलिस का बंदोबस्त तो था ही, लेकिन अंदर से लेकर बाहर तक संघ के कार्यकर्ता ही सक्रिय नजर आये ताकि गाड़ियां ठीक तरीके से लगे और लोग बेहतर तरीके से बैठ सकें. सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. सारे लोग काली टोपी पहनकर ही इंट्री पा रहे थे. जो टोपी नहीं पहना था, उनके लिए 20 रुपये में टोपी उपलब्ध करायी गयी थी.
गणवेश में कम दिखे लोग, टोपी जरूर पहनी
कार्यक्रम के दौरान गणवेश (खाकी पैंट व सफेद शर्ट) में काफी कम लोग दिखे. लेकिन टोपी को अनिवार्य किया गया था, जिस कारण सारे लोग टोपी पहनकर ही बैठे हुए थे. नीचे बैठने के साथ-साथ कुर्सियों का भी इंतजाम था. किसी को कोई दिक्कत नहीं हो, बुजुर्गों को बैठने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कुर्सियों का इंतजाम किया गया था.
सरयू, विद्युत समेत कई लोग पहुंचे
कार्यक्रम में राज्य के मंत्री सरयू राय भी नीचे बैठे थे. इसके अलावा सांसद विद्युतवरण महतो, जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, स्वदेशी जागरण मंच के मनोज सिंह और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ल भी नजर आये जो नीचे बैठे हुए थे. कार्यक्रम में आरएसएस के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए.