आयकर रिटर्न: करोड़पति किसानों की जांच करेगा विभाग

जमशेदपुर : कोल्हान क्षेत्र के आठ लोगों ने अपने आयकर रिटर्न में खेती से एक करोड़ की कमायी दिखायी है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने 10 मार्च को लिखे एक विभागीय पत्र में अधिकारियों से उन तथ्यों की जांच करने के लिए कहा है, जिसमें कुछ लोगों ने कृषिगत आय सालाना एक करोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 8:17 AM
जमशेदपुर : कोल्हान क्षेत्र के आठ लोगों ने अपने आयकर रिटर्न में खेती से एक करोड़ की कमायी दिखायी है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने 10 मार्च को लिखे एक विभागीय पत्र में अधिकारियों से उन तथ्यों की जांच करने के लिए कहा है, जिसमें कुछ लोगों ने कृषिगत आय सालाना एक करोड़ रुपय से ज्यादा की आमद दिखायी है.

उल्लेखनीय है कि कृषिगत आय को कर के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में सीबीडीटी ने पाया है कि पिछले कुछ सालों से कई आयकरदाता कृषिगत आय के तौर पर बड़ी रकम इनकम टैक्स रिटर्न्स में दिखा रहे हैं. सीबीडीटी ने पटना हाई कोर्ट में दाखिल उस जनहित याचिका पर संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया था कि कृषिगत आय को बड़े पैमाने पर मनीलॉन्ड्रिंग का जरिया बना लिया गया है. कृषिगत आय के जिन दावों की जांच की जानी है कि वह 1 अप्रैल 2010 से लेकर 31 मार्च 2013 के दौरान की हैं. इन तीन सालों में ऐसे 8 मामले में आये हैं.

अगर हर मामले में आय कम से कम 1 करोड़ भी मान ली जाये तो यह राशि आठ करोड़ तक पहुंच जाती है. वहीं साल 2006-07 से 2014-15 यानी नौ सालों के दौरान 1 करोड़ से ज्यादा कृषिगत आय वाले आठ मामलें हैं. आयकर विभाग सकते में है कि क्या रिटर्न दाखिल करने वाले यह भी नही जानते कि कृषि से अर्जित आय कर मुक्त होती है.
कृषि उत्पादन पर नहीं लगता टैक्स, हुआ है बदलाव
पहले कृषिगत आय को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखने के प्रावधान के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया जा चुका है. मई 2012 में सीबीडीटी द्वारा लाए गए श्वेत पत्र में कहा था कि कृषिगत आय के दावों को बिना वेरिफिकेशन के आइटी से बाहर रखने का मकसद काले धन को दोबारा सिस्टम में लाना है. हालांकि आयकर विभाग इस संभावना से भी इनकार नहीं कर रही है कि करदाताओं ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त गलती से गैर कृषिगत आय को कृषिगत आय की कैटिगरी में दिखा दिया हो, जिसकी जांच कर रिपोर्ट तलब की गयी है.

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