खेताें से धान की फसल काे काट कर अपने खलिहान में लाने की खुशी में देशाऊली मागे पाेराेब का आयाेजन किया जाता है. धार्मिक आैर सांस्कृतिक कार्यक्रमाें में काफी संख्या में लाेग शामिल हाेते हैं. समाराेह का पारिवारिक महत्व भी है. पाेराेब के दाैरान ही परिवार के लाेग लड़का-लड़की काे पसंद करते हैं.
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मागे पाेराेब: सीतारामडेरा आैर उलीडीह में मांदर की थाप पर निकला जुलूस, अनिष्ट से बचने का पर्व
जमशेदपुर: आदिवासी हाे समाज द्वारा शुक्रवार काे प्रकृति काे समर्पित देशाऊली मागे पाेराेब का अायाेजन धूमधाम से किया. इस अवसर पर दिली सकम के माध्यम से लाेगाें काे समाराेह में शामिल हाेने की अपील की गयी थी. पुराना सीतारामडेरा आैर उलीडीह में आयाेजित समाराेह में दिउरी ने पूजा पाठ के साथ समाराेह की शुरुआत की, […]
जमशेदपुर: आदिवासी हाे समाज द्वारा शुक्रवार काे प्रकृति काे समर्पित देशाऊली मागे पाेराेब का अायाेजन धूमधाम से किया. इस अवसर पर दिली सकम के माध्यम से लाेगाें काे समाराेह में शामिल हाेने की अपील की गयी थी. पुराना सीतारामडेरा आैर उलीडीह में आयाेजित समाराेह में दिउरी ने पूजा पाठ के साथ समाराेह की शुरुआत की, इसके बाद मांदर की थाप पर जुलूस निकाला गया. जुलूस में शामिल लाेग नाचते-गाते मुहल्ले का चक्कर लगाकर फिर पूजन स्थल पर पहुंचे.
पुराना सीतारामडेरा में आदिवासी हाे समाज समिति द्वारा मागे पूजा का आयाेजन दिऊरी (पुजारी) जितन हांसदा, दामाेदर हांसदा आैर सुभाष साेय के नेतृत्व में किया गया. पुजारी काे बाजा-गाजा बजाते हुए उनके घर तक पहुंचाया गया, इसके बाद बस्ती का चक्कर लगाकर लाेग फिर आयाेजन स्थल पर लाैटे.
शनिवार काे शाम काे संध्या चार बजे जातरा पूजा का आयाेजन किया जायेगा. इस अवसर पर राजेश कांडेयांग, ननिता पूर्ति, दुर्गामुनि, तैयरा सुंडी, विष्णु बानरा, संगीता सामड, मेजा सामद, माेनिका पूर्ति, बिष्णु पूर्ति, तिलेश्वर कांडेयांग, सतरी पूर्ति, जितराय बारदा, मंगल हांसदा, महावीर सामड समेत अन्य काफी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे.
उलीडीह में प्रकृति के पूजक आदिवासी हाे समाज के लाेगाें ने जाहरेस्थान में मागे पाेराेब का आयाेजन किया. इस अवसर पर दिऊरी राजा बिरुआ ने उनके तीन शिष्याें के साथ पूजा-अर्चना की. साल भर अनिष्ट निवारण के लिए मारंग बुरु आैर जायरा एरा की अनुकंपा के लिए उनका शुक्रिया किया. मागे पर्व के दाैरान कुंठा काे त्याग कर अपने अंदर के शैतान काे भगाया जाता है. मागे पाेराेब तीन दिनाें तक चलेगा, जिसका समापन कुत्ता शादी के साथ हाेगा. पूजा अनुष्ठान में मुख्यरूप से कैलाश बिरुआ, दुर्गा चरण बारी, हरिशताम साेय, राम राई, कृष्णा बारी, महेंद्र हेंब्रम, जनुम सिंह आल्डा,गुलश गाेप, लाली दाेंगाे, सिंगराय हेंब्रम समेत काफी संख्या मे हाे सामाज के लाेग माैजूद थे.
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