नहीं आये दंडाधिकारी, इमामबाड़ा जमीन की मापी रुकी
जमशेदपुर: दंडाधिकारी के नहीं आने के कारण साकची मोहम्मडन लाइन (शीतला मंदिर के पीछे) स्थित इमामबाड़ा के जमीन की मापी नहीं हो सकी. अंचलाधिकारी कार्यालय में जमीन की मापी का आवेदन दिया गया था जिसके लिए अंचलाधिकारी महेश्वर महतो ने टीम का गठन किया था. अनुमंडल स्तर से दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किया गया था. सोमवार […]
जमशेदपुर: दंडाधिकारी के नहीं आने के कारण साकची मोहम्मडन लाइन (शीतला मंदिर के पीछे) स्थित इमामबाड़ा के जमीन की मापी नहीं हो सकी. अंचलाधिकारी कार्यालय में जमीन की मापी का आवेदन दिया गया था जिसके लिए अंचलाधिकारी महेश्वर महतो ने टीम का गठन किया था.
अनुमंडल स्तर से दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किया गया था. सोमवार को अंचल की टीम इंतजार करती रही, लेकिन मजिस्ट्रेट नहीं आये. अंचलाधिकारी महेश्वर महतो ने बताया कि प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के नहीं आन के कारण सोमवार को मापी नहीं हो सकी.
स्थानीय लोगों ने बैठक की, जताया विरोध : इमामबाड़ा के जमीन की मापी की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने बैठक कर इसका विरोध जताया. अंजुमन ए बहार की अोर से उपायुक्त को पत्र सौंप कर इमामबाड़ा की जमीन को कब्जा करने का विरोध जताया गया है. पत्र में अंजुमन के महासचिव अफताब आलम, अध्यक्ष हसीन अहमद ने बताया है कि इमामबाड़ा 1920 से स्थापित है, जो आस्था का प्रतीक है. 1966 में टाटा स्टील ने माखनलाल अग्रवाल, निताई चंद्र प्रमाणिक अौर शमशेर सिंह को मैदान का कुछ भाग सब लीज पर दे दिया था.
लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण 50-60 साल से वहां निर्माण कार्य नहीं कराया जा सका. मो अब्बास ने लीज शर्तों का उल्लंघन कर खाली परती जमीन खरीद ली है. 2007 में अंचलाधिकारी अौर साकची थाना प्रभारी को दिग्भ्रमित कर भी उसने जमीन पर कब्जे का प्रयास किया था लेकिन विफल रहा. संस्था ने सरकार से उक्त भूखंड सब लीज पर आवंटित करने की मांग की है, इस पर प्रशासन से मंतव्य मांगा गया है. संस्था ने मो अब्बास के अवैध से जमीन को मुक्त कराने, रजिस्ट्री रद्द करने तथा सरकार को यथाशीघ्र मंतव्य भेजने की मांग प्रशासन से की है.