23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुड़ाबांदा नक्सली दस्ता: सरेंडर के बाद कान्हू मुंडा ने कहा- अब राजनीति करूंगा

जमशेदपुर: बंगाल-झारखंड-ओड़िशा बॉर्डर रिजनल कमेटी भाकपा (माओवादी) के सचिव कान्हू राम मुंडा उर्फ मंगल ने कहा है कि राजनीति में आने का मन बनाने के बाद ही उसने अपने साथियों के साथ सरेंडर किया है. वह किस पार्टी का दामन थामेगा, इसका निर्णय गांववालों के साथ बैठक करके लिया जायेगा. विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी […]

जमशेदपुर: बंगाल-झारखंड-ओड़िशा बॉर्डर रिजनल कमेटी भाकपा (माओवादी) के सचिव कान्हू राम मुंडा उर्फ मंगल ने कहा है कि राजनीति में आने का मन बनाने के बाद ही उसने अपने साथियों के साथ सरेंडर किया है. वह किस पार्टी का दामन थामेगा, इसका निर्णय गांववालों के साथ बैठक करके लिया जायेगा. विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी गांववाले ही मिल-बैठकर तय करेंगे. अब जिंदगी के लिए राजनीति जरूरी हो गयी है. बिना राजनीति के जिंदा रहना मुश्किल है. गोलमुरी पुलिस लाइन में सरकार की नीति के प्रभावित होकर बुधवार को छह साथियों के साथ सरेंडर करने के बाद 25 लाख के इनामी नक्सली कान्हू मुंडा ने मीडिया से उक्त बातें कहीं.
उसने कहा कि सुपाई टुडू के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने और उसकी पत्नी सोनाली की गिरफ्तारी, फोगड़ा मुंडा की पत्नी की गिरफ्तारी के बाद संगठन की कमर टूट गयी. पुलिस घेराबंदी कर रही थी और पिछले दो माह से पुलिस अधिकारी परिजनों व गांववालों को सभी को मुख्यधारा में शामिल कराने लिए प्रेरित कर रहे थे. इससे भी उनका दस्ता प्रभावित हो रहा था.
बदल रही है पुलिस, हो रहा है विकास : कान्हू ने कहा कि वर्तमान में पुलिस ने अपने आचरण में काफी बदलाव किये हैं. साथ ही गांव में विकास का काम भी तेजी से चल रहा है. उसने कहा कि गांव के पिछड़ापन और पुलिस के रवैये के क्षुब्ध होकर नक्सलवाद का दामन थामा था. जब स्थितियां बदली हैं, तो नक्सलवाद में रहने का कोई उद्देश्य रह नहीं जाता है. इसलिए भी उसने और साथियों ने सरेंडर करने का मन बनाया.
छत्तीसगढ़ के श्रीधर दादा ने ज्वाइन कराया था दस्ता : कान्हू मुडा ने बताया कि वर्ष 2000 में जियान गांव में एक हत्या हुई थी. हत्या के बाद पुलिस की कार्रवाई से तंग आकर गांव के युवाओं ने जंगल में रहना शुरू कर दिया था. पुलिस बेरहमी से गांववालों से पेश आती थी. उस वक्त गांव में न सड़क थी, न पानी था. बिजली की भी व्यवस्था नहीं थी. इस दौरान छत्तीसगढ़ से श्रीधर दादा जियान गांव पहुंचे और उन्होंने पुलिस व सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए मोटिवेट किया और वह नक्सली दस्ता में शामिल हो गया. अभी वर्तमान स्थिति एेसी है कि पहाड़ी एरिया में भी विकास का काम चल रहा है. सड़कें बन गयी हैं. गांव में बिजली पहुंच चुकी है. इंदिरा आवास व अन्य सरकारी लाभ भी ग्रामीणों को मिल रहे हैं. विकास कार्य से नाराज होकर ही बीडीओ प्रशांत लायक का अपहरण किया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें