अपहृत आइशा कानपुर स्टेशन पर बरामद
खुलासा. आइएमए बिल्डिंग कैंपस से बच्ची काे बेचने के लिए किया गया था अपहरण, दो गिरफ्तार जमशेदपुर : साकची आइएमए बिल्डिंग कैंपस में रहने वाले पिंटू श्रीवास्तव की पांच साल की बेटी आइशा के अपहरणकर्ता विकलांग रवि लोहार को सिदगोड़ा के बागुनहातु डंबिंग एरिया से गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं आइशा को कानपुर रेलवे […]
खुलासा. आइएमए बिल्डिंग कैंपस से बच्ची काे बेचने के लिए किया गया था अपहरण, दो गिरफ्तार
जमशेदपुर : साकची आइएमए बिल्डिंग कैंपस में रहने वाले पिंटू श्रीवास्तव की पांच साल की बेटी आइशा के अपहरणकर्ता विकलांग रवि लोहार को सिदगोड़ा के बागुनहातु डंबिंग एरिया से गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं आइशा को कानपुर रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया है. कानपुर रेल पुलिस ने आइशा के साथ मोची नामक व्यक्ति को भी पकड़ा है. मोची ने आइशा के अपहरण की साजिश रची थी. इधर, राजू लोहार ने साकची पुलिस को बताया कि बच्ची को बेचने के लिए कानपुर ले जाया गया था.
साकची पुलिस की एक टीम बच्ची और गिरफ्तार मोची को लेने के लिए रविवार की रात आठ बजे टाटानगर रेलवे स्टेशन से कानपुर के लिए रवाना हो गयी है. पुलिस के साथ बच्ची के पिता पिंटू श्रीवास्तव भी कानपुर गये हैं. मालूम हो कि 12 फरवरी की शाम छह बजे घर में टीवी देख रही आइशा का साकची जेएनएससी कैंपस में रहने वाले रवि लोहार ने अपहरण कर लिया था. इस संबंध में पिंटू श्रीवास्तव के बयान पर साकची थाना में रवि लोहार के खिलाफ अपहरण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया था.
टाटानगर स्टेशन से पकड़ी थी ट्रेन
रवि लोहार ने बताया कि वह पिछले छह माह से पिंटू श्रीवास्तव के घर आना-जाना करता था. इस दौरान पूरे परिवार का उस पर विश्वास हो गया था. वह पहले भी कई बार आइशा को घुमाने ले जाया करता था. इधर हाल के दिनों में उसकी जूता-चप्पल बनाने वाले एक मोची नामक व्यक्ति से पहचान हुई थी. मोची ने रवि लोहार को रुपये कमाने की लालच देते हुए बच्ची काे कानपुर में बेचने की योजना बनायी. 12 फरवरी की शाम को प्लान के मुताबिक वह आइशा के घर गया.
आइशा घर पर अकेले टीवी देख रही थी. उसने उसको बुलाया और अपने साथ साकची जेएनएससी कार्यालय ले आया. वहां मोची उसके आने का इंतजार कर रहा था. इसके बाद बच्ची, मोची और वह टेंपो से स्टेशन पहुंचे. प्लेटफॉर्म पर ट्रेन खड़ी थी. चुंकि वह अनपढ़ है, इसलिए वह नहीं जान पाया कि कौन सी ट्रेन है. मोची बच्ची और उसे ट्रेन से लेकर दूसरे दिन कानपुर पहुंचा.
खाने के लिए प्लास्टिक चुन कर बेचा
रवि ने बताया कि जब वह कानपुर से वापस आया तो खाने के लिए रुपये नहीं थे. भूख लगी थी, पैदल किसी तरह से बारीडीह के बागुनगर पहुंच गया. वहां डंपिंग एरिया में प्लास्टिक चुनी और एक टाल में बेचकर 50 रुपये लिये. 20 रुपये का होटल में खाना खाया और 30 रुपये दूसरे दिन खाना खाने के लिए रख लिया. वहीं, बागुनहातु में एक स्क्रैप टाल में उसने रात गुजारी. रविवार को सुबह वह फिर डंपिंग एरिया में प्लास्टिक चुनने जा रहा था. इस बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
पुलिस पिछले तीन-चार दिनों से बागुनहातु में कैंप कर रही थी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रवि लोहार को खोजते हुए पुलिस चार दिन पहले बागुनहातु पहुंची थी. वहां पुलिस को पता चला कि एक महिला बच्ची को बेचने का काम करती थी. पुलिस ने महिला समेत वहां कुछ लोगों से बच्ची और रवि लोहार का हुलिया बताते हुए खोजबीन की थी, लेकिन कुछ हाथ लगा. रविवार को स्थानीय लोगों ने रवि लोहार को डंपिंग एरिया में जाते देखा और सूचना साकची पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस को सफलता हाथ लगी.
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