आयडा की 700 कंपनियाें को हो सकता है नुकसान

जमशेदपुर. आयडा क्षेत्र की करीब 700 से अधिक कंपनियां भारत स्टेज-3 के चक्कर में फंस गयी है. इससे रोजगार पर भी असर पड़ेगा. आयडा में संचालित 350 से अधिक कंपनी टाटा मोटर्स से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है. साथ ही 400 से अधिक कंपनी ऐसी है जो अप्रत्यक्ष रूप से उपकरणों की सप्लाई करती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2017 8:26 AM
जमशेदपुर. आयडा क्षेत्र की करीब 700 से अधिक कंपनियां भारत स्टेज-3 के चक्कर में फंस गयी है. इससे रोजगार पर भी असर पड़ेगा. आयडा में संचालित 350 से अधिक कंपनी टाटा मोटर्स से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है. साथ ही 400 से अधिक कंपनी ऐसी है जो अप्रत्यक्ष रूप से उपकरणों की सप्लाई करती है.

टाटा मोटर्स ने एंसीलियरी कंपनियों को से कह दिया है कि उनके रॉ मैटेरियल यानी जो उपकरण वे लोग कंपनी के लिए बनाते हैं, उसमें बदलाव करना होगा और उसकी क्वालिटी को भी अपग्रेड करना होगा. इसके लिए उपकरणों की डिजाइनिंग के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है. चूंकि, टाटा मोटर्स बीएस-4 स्तर तक अपग्रेड नहीं है.

इसके वजह से उनकी एंसीलियरी कंपनी की स्तर भी बीएस-4 तक नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में इन सारी कंपनियों के समक्ष संकट बढ़ सकती है. ऑटोमोबाइल कंपनी को अरबों का नुकसान होने का डर सता रहा है. आयडा क्षेत्र में बैंकों की ओर से कई मशीनों को स्थापित किया गया है. यह सब फाइनांस भी किया गया है. जिसके वजह से बैंकरों को डर सता रहा है कि कहीं बड़ा नुकसान ना हो जाये. आयडा क्षेत्र की कंपनियों के समक्ष परेशानी यह है कि बाहरी कंपनी ज्यादा अपग्रेड है, उनको टाटा मोटर्स वर्क ऑर्डर देने लगेगी.

क्या है बीएस-4 मापदंड
सरकार ने सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे कम से कम प्रदूषण वाली गाड़ियां बाजार में लाये. इसके अनुसार वाहन कंपनियों ने बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियां बाजार में उतार रही है. इसमें परफॉर्मेंस व टेक्नोलॉजी के हिसाब से ज्यादा परिवर्तन नहीं किया गया है, लेकिन इंजन को पूरी तरह से रिफाइंड कर दिया गया है, ताकि हानिकारक धुआं बहुत कम निकले. इनमें सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है. गाड़ी के स्टार्ट होते ही लाइट जलने लगेगी.

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