जमशेदपुर : ओड़िशा से जमशेदपुर होते से जयपुर में पन्ना की तस्करी करने वाले टेल्को प्रेमनगर रोड नंबर एक, मकान नंबर 25 निवासी विनोद कुमार चतुर्वेदी को एमजीएम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने विनोद के पास से छह सौ ग्राम पन्ना बरामद किया है, जिसकी बाजार में कीमत सात लाख रुपये बतायी गयी है.
ओड़िशा की बस से डिमना चौक पर उतरकर विनोद कुमार बिष्टुपुर की तरफ जा रहा था, इस बीच एमजीएम पुलिस ने गुप्त सूचना पर व्यक्ति के पहनावे (ब्लू रंग की सफारी कपड़ा) के आधार पर विनोद को पकड़ लिया. इसकी जानकारी ग्रामीण एसपी शैलेंद्र कुमार वर्णवाल ने संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को दी.
उन्होंने कहा कि विनोद सफेद रंग की तीन प्लास्टिक में पन्ना ले जा रहा था. इस मौके पर एमजीएम थाना के दारोगा ललन कुमार मिश्रा, एएसआइ रामनाथ राम भी मौजूद थे.
विनोद ने ओड़िशा में एक लाख रुपये में खरीदा था पन्ना
ग्रामीण एसपी के मुताबिक विनोद कुमार तीन वर्ष से पन्ना का कारोबार कर रहा था. ओड़िशा में एक व्यापारी से विनोद ने एक लाख रुपये में पन्ना खरीदा और बिष्टुपुर के छप्पन भोग के एक जयपुर के एक व्यापारी को पहुंचाने जा रहा था. व्यापारी का नाम विनोद ने पुलिस को नहीं बताया है. पुलिस ओड़िसा के व्यापारी के बारे में पता चला चुकी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस ने ओड़िशा पुलिस से संपर्क किया है.
ओड़िशा में तीन जगहों पर रुकते हैं पन्ना व्यापारी
जिला पुलिस को गिरफ्तार विनोद ने बताया है कि पहले नक्सलियों की आड़ में पन्ना का कारोबार होता था, लेकिन नक्सली गतिविधी समाप्त होने के बाद स्थानीय कुछ लोग पन्ना को ओड़िशा में व्यापारियों तक पहुंचाते हैं. उसने बताया कि रात के अंधेरे में गुड़ाबांदा से पन्ना होटलों तक जाता है. ओड़िशा के बॉम्बे चौक, रायरंगपुर, बहलदा और झारपोखरिया के होटलों में व्यापारी बाहर से आकर ठहरते हैं और वहां से पन्ना का कारोबार दूसरे राज्यों में होता है. गुड़ाबांदा का पन्ना ज्यादातर जयपुर, मुंबई और रायपुर के व्यापारियों के बीच बेचा जाता है.पूर्व में भी ग्रामीण एसपी ने गुड़ाबांदा से पन्ना का अवैध कारोबार करने के संबंध में ममता नामक महिला को पकड़कर जेल भेजा था.
गुड़ाबांदा का पन्ना हांगकांग तक बेचा गया है
गुड़ाबांदा में पन्ना की क्वालिटी विश्वस्तरीय होने की वजह से यहां का पन्ना हांगकांग तक बेचा गया है. पुलिस को इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. पुलिस ऐसा मान रही है कि कुछ ग्राणीमों का पासपोर्ट बना है और वह हांगकांग तक पन्ना पहुंचाने गये हैं. पुलिस पासपोर्ट कार्यालय से इसका पता लगाने में जुट गयी है.