पुलिसकर्मियों को बनाया बंधक, बचाव के लिए करनी पड़ी हवाई फायरिंग
जमशेदपुर/पटमदा : बाेड़ाम थाना अंतर्गत पाेखरिया गांव में छेड़खानी की घटना के बाद आराेपियाें के घर जलाने के मामले में युवकाें (आराेपी) की गिरफ्तारी के बाद बुधवार काे माहाैल बिगड़ गया. युवकाें की रिहाई की मांग काे लेकर स्कूल में बनाये गये कैंप में माैजूद पटमदा थाना प्रभारी महेंद्र करमाली, बाेड़ाम थाना प्रभारी विक्रांत कुमार, […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
April 13, 2017 5:41 AM
जमशेदपुर/पटमदा : बाेड़ाम थाना अंतर्गत पाेखरिया गांव में छेड़खानी की घटना के बाद आराेपियाें के घर जलाने के मामले में युवकाें (आराेपी) की गिरफ्तारी के बाद बुधवार काे माहाैल बिगड़ गया. युवकाें की रिहाई की मांग काे लेकर स्कूल में बनाये गये कैंप में माैजूद पटमदा थाना प्रभारी महेंद्र करमाली, बाेड़ाम थाना प्रभारी विक्रांत कुमार, कमलपुर थाना प्रभारी अवधेश कुमार समेत कई पुलिसकर्मियों को गांववालाें ने बंधक बना लिया.
गांववालाें का कहना था कि उक्त सभी युवकाें काे पुलिस थाना से लेकर कैंप में आये. काफी जद्दाेजहद के बाद हिरासत में लिये गये विरेन दास, ललित महताे, संताेष महताे, साैरभ महताे, बीरबल महताे, सृष्टिधर महताे, पाेइतु महताे, सुफल महताे काे लेकर पुलिसकर्मी परिसर में पहुंची. हिरासत में लिये युवकाें ने बताया कि थाना में पुलिस ने उन्हें बुरी तरह से लाठी-डंडा से पीटा है. इतना सुनते ही गांववाले उग्र हाे गये. जिसके हाथ में जाे था लाठी-डंडा, भाला-तलवार लेकर वहां बंधक बने तीनाें थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियाें पर टूट पड़े.
अचानक भीड़ के उग्र हाेने से पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर भागने लगे. पुलिसकर्मियाें काे गांववालाें ने खदेड़-खदेड़ कर पीटना शुरू कर दिया. लाेगाें की भीड़ बढ़ती जा रही थी और पुलिस काे भागने की जगह कम पड़ती जा रही थी. स्थिति बेकाबू होने के बाद बाेड़ाम थाना प्रभारी विक्रांत कुमार ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से हवाई फायरिंग कर दी. देखते ही देखते वहां माैजूद अन्य पुलिसकर्मियाें ने भी अपनी इंसास राइफल से लगातार 12-15 राउंड हवाई फायरिंग कर दी. पुलिस की
पिटाई से छेड़खानी की शिकार हुई महिला समेत दर्जन भर लाेग घायल हाे गये, जबकि गांववालाें के हमले में 15 से अधिक पुलिसकर्मियाें काे चाेटें आयी हैं. फायरिंग के बाद गांव के लाेग स्कूल से थाेड़ा हटकर इधर-उधर माेरचा बनाकर खड़े हाे गये. पुलिस के बंधक बनाये जाने आैर फायरिंग की घटना के बाद जिला से अतिरिक्त पुलिस बल काे भेजा गया है. देर शाम तक गांववाले घटनास्थल पर ही जमे हुए थे. वे दाेषी पुलिसकर्मियाें काे निलंबित करने, गांव से छेड़खानी करनेवाले आराेपी के परिवार आैर
उनके समर्थकाें काे बेदखल करने की मांग कर रहे थे. अंधेरा हाेते-हाेते गांव में पुरुषाें की अपेक्षा गांव की महिलाआें ने माेरचा संभाल लिया. गांव की महिलाआें ने कहा कि वे गाेली खाने काे तैयार हैं, लेकिन अपनी मांगाें से पीछे नहीं हटेंगे. शाम करीब सात बजे सांसद विद्युत वरण महतो और विधायक रामचंद्र सहिस पाेखरिया गांव पहुंचे, वहां जाकर उन्हाेंने गांववालाें से बात की. समाचार लिखे जाने तक बैठक जारी थी.
पुलिस काे खाना बनाकर खिलाया, उन्हें भी लिया हिरासत में. बाेड़ाम थाना प्रभारी ने छेड़खानी के मामले में गिरफ्तार आराेपी काे बुधवार काे दिन में जेल भेज दिया था. स्कूल में बने पुलिस कैंप में गांव के संताेष महताे, साैरभ महताे, पाेइतु महताे आैर सुफल महताे ने पुलिसकर्मियाें समेत वहां माैजूद अन्य लाेगाें काे खाना खिलाया.
डीएसपी के वहां से जाते ही दाे अलग-अलग गाड़ियाें में बाेड़ाम थाना प्रभारी के निर्देश के बाद अाठ लाेगाें काे हिरासत में लेकर थाना लाया गया. इनमें विरेन दास, ललित महताे, संताेष महताे, साैरभ महताे, बीरबल महताे, सृष्टिधर महताे, पाेइतु महताे, सुफल महताे थे. स्थानीय लाेगाें के अनुसार जिन युवकाें ने पुलिस काे खाना खिलाया, उन्हाेंने खुद भी खाना नहीं खाया. उन्हीं काे थाना ले जाकर पुलिस ने लाठी-डंडाें से पीटना शुरू कर दिया.
पुलिस व गांववाले घायल. पुलिस पर जब गांव वालाें ने अचानक हमला कर दिया ताे पुलिसवालाें ने भाग कर खेताें में शरण ली. इसके बाद भी गांव के लाेग वहां पत्थरबाजी करने लगे. इसके बाद पुलिस काे आत्मरक्षार्थ हवा में गाेलियां चलानी पड़ी. इस घटना में दाेनाें ही तरफ से दाे दर्जन से अधिक लाेग घायल हाे गये. पथराव-लाठी चार्ज की घटना में छेड़खानी की शिकार महिला भी घायल हाे गयी हैं.
बीडीआे-जिप सदस्य ने काफी देर समझाया, नहीं बनी बात. गांव के युवकाें काे जब पुलिस लेकर चली गयी थी ताे उस वक्त करीब चार बजे बीडीआे सुनील कुमार प्रजापति आैर जिप सदस्य स्वपन महताे भी वहां पहुंच गये. उन्हाेंने गांववालाें काे समझाया कि पुलिस काे बंधक नहीं बनाया जाये, उक्त युवकाें काे छाेड़ दिया जायेगा. गांव के लाेग उनके आश्वासन काे मानने काे तैयार नहीं थे, वे सिर्फ एक ही मांग पर अड़े थे कि युवकाें काे थाना से निकालकर उनके सामने तुरंत लाया जाये.
साढ़े पांच बजे करीब पुलिसकर्मी युवकाें काे लेकर स्कूल परिसर पहुंचे. युवकाें ने आते ही चिल्ला-चिल्ला कर बाेलना शुरू कर दिया कि उन्हें पुलिस ने टॉर्चर किया है, लाठी-डंडा से मारा है, इस पर गांववाले उग्र हाे गये. पुलिस पर हमला कर दिया. पत्थरबाजी शुरू हाे गयी, पुलिसवाले जान बचाकर स्कूल परिसर से खेताें की आेर भाग खड़े हुए.