युवती तलाकशुदा घोषित की जायेगी या पवित्र!

30 को निर्णय सुनायेगा माझी परगाना महाल, सामाजिक अगुवाओं की होगी अग्नि परीक्षा जमशेदपुर : हल्दीपोखर के रसुनचोपा में युवती के माथे पर सिंदूर लगाने के मामले में युवक को भले ही समाज ने दंडित कर दिया हो लेकिन मांझी परगाना महाल की असली अग्नि परीक्षा 30 अप्रैल को होगी. इस बैठक में संताल समाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 4:05 AM

30 को निर्णय सुनायेगा माझी परगाना महाल, सामाजिक अगुवाओं की होगी अग्नि परीक्षा

जमशेदपुर : हल्दीपोखर के रसुनचोपा में युवती के माथे पर सिंदूर लगाने के मामले में युवक को भले ही समाज ने दंडित कर दिया हो लेकिन मांझी परगाना महाल की असली अग्नि परीक्षा 30 अप्रैल को होगी. इस बैठक में संताल समाज युवती माथे पर सिंदूर लगाने के मसले पर विचार मंथन करेगा. आदिवासी स्वशासन व्यवस्था व माझी परगाना महाल ने जबरन लड़की के माथे पर सिंदूर लगाने वाले लड़के को भोज व जुर्माना देने का फैसला सुनाया है.
लड़के के माता-पिता संभवत: भोज व जुर्माना दे भी देंगे लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस युवती के माथे पर जबरन सिंदूर लगाया गया, क्या उसे समाज में उचित मान सम्मान महाल दिला पायेगा? या लड़की बिना किसी दोष के परंपरा की भेंट चढ़ जायेगी. माझी परगाना महाल उस लड़की को छडूय अर्थात तलाकशुदा घोषित करेगा या एक दुघर्टना मान उसे पवित्र मानेगा यह निर्णय की मुख्य कसौटी होगी. महाल के इस निर्णय पर ही समाज की नजरें टिकी हुईं है.
अभी तक माझी परगाना महाल की ओर से युवती को छडुय अर्थात तलाशुदा घोषित नहीं किया गया है. आदिवासी संताल समाज की परंपरा के अनुसार जिस युवती के माथे पर एक बार सिंदूर डाल दिया जाता है, उसे छडूय माना जाता है. वहीं संताल समाज में यह भी मान्यता है कि जब तक लड़का व लड़की की शादी में गांव के माझी बाबा व पंच हरिबोल डाक व लड़की का पांव सामाजिक रूप से नहीं धोया जाता है तब तक उसे छडूय या तलाकशुदा नहीं माना जा सकता है. समाज के अगुवा व दिसुआ लोग इन एक-एक बिंदुओं पर विचार कर अपना फैसला सुनने वाले हैं.

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