युवा अंतर जातीय विवाह से परहेज करें : जासमी टुडू

II दशमथ सोरेन II जमशेदपुर: प्रथम मिस इंडिया इंडीजिनस जासमी टुडू ने हाल ही मंलगवार को पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि आदिवासी समाज में जन्म लेने की वजह से हमारा सबसे पहला दायित्व है कि हम अपनी भाषा-संस्कृति, साहित्य व पूर्वजों का धरोहर को जीवित रखें. उससे प्रेम करें और उसे आगे बढ़ाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 10:12 AM

II दशमथ सोरेन II

जमशेदपुर: प्रथम मिस इंडिया इंडीजिनस जासमी टुडू ने हाल ही मंलगवार को पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि आदिवासी समाज में जन्म लेने की वजह से हमारा सबसे पहला दायित्व है कि हम अपनी भाषा-संस्कृति, साहित्य व पूर्वजों का धरोहर को जीवित रखें. उससे प्रेम करें और उसे आगे बढ़ाने का काम करें. यह युवाओं कंधे पर बहुत बढ़ी जिम्मेवारी है.

वर्तमान समय में युवा आधुनिकता की चकाचौंध में अपनी भाषा-संस्कृति को भूल रहे हैं. यह समाज के लिए अच्छा संकेत बिलकुल नहीं है. मंगलवार को वह बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी अपनी मातृभाषा, समाज व संस्कृति से विमुख न हों. गलत संस्कृति को समाज में पनपने न दें.

आदिवासी समाज के युवक व युवतियां दूसरे समाज के शादी-विवाह कर रहें हैं. यह समाज के लिए खतरे की घंटी है. इससे युवाओं परहेज करना चाहिए. अपने समाज के अंदर ही शादी-विवाह चाहिए. हाल के दिनों में आदिवासी युवतियों को उनकी संपत्ति को हड़पने या कब्जा के लिए भी प्रेम जाल में फंसाने का मामला प्रकाश में आया है.

संताल परगाना, रांची, गुमला समेत अन्य जिलों में इस तरह के कई उदाहरण सामने उभरकर आये हैं. समाज के अगुवा व माता-पिता को अपने बच्चों को अपनी मातृभाषा-संस्कृति से प्रेम करना सीखाना चाहिए. शुरू से ही यदि अपने बच्चों में अपने समाज के संस्कार से अवगत कराया जाये. इससे समाज में पनप रहा कुरीति कम होगा.

इस संवाददाता सम्मेलन में माता-पिता चांदमनी टुडू, मंगल टुडू के साथ आइसफा के साथ भुआ हांसदा, सुरेंद्र टुडू, दशरथ हांसदा, पीतांबर हांसदा, धानू मुर्मू, सागेन हांसदा, गौरी मुर्मू, जोबा मुर्मू, विनोद मुर्मू समेत अन्य मौजूद थे.

डायन कह महिलाओं को बदनाम न करें

जासमी टुडू ने बताया कि आदिवासी बहुत क्षेत्र में जमीन जायदाद को लेकर झगड़े व हत्याएं होती है. महिलाओं को डायन बताकर बदनाम किया जाता है. जब सच्चाई सामने आती है. तब पता चलता है हत्या कारण जमीन-जायदाद व संपत्ति के लिए की गयी है. आज के समय में भी महिला को डायन बताना बिलकुल उचित नहीं है.

बता दें कि 15 अप्रैल को आइसफा मिस इंडिया इंडीजिनस का फाइनल हुआ था जिसमें 17 फाइनालिस्ट को पछाड़ कर वे विजेता बनी थी.

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