मरीज को एनेस्थीसिया देने से इनकार, रुका आॅपरेशन
एमजीएम अस्पताल: सर्जरी व एनेस्थीसिया के बीच फंसी कैंसर मरीज जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में सर्जरी व एनेस्थीसिया के डॉक्टरों के बीच चल रहे जिच में सोमवार को एक कैंसर पीड़ित का ऑपरेशन रुक गया. मुसाबनी केंदाडीह निवासी मलती सिंह को स्तन कैंसर है. वह शुक्रवार को अस्पताल में भरती हुई थीं. सोमवार को उसका […]
एमजीएम अस्पताल: सर्जरी व एनेस्थीसिया के बीच फंसी कैंसर मरीज
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में सर्जरी व एनेस्थीसिया के डॉक्टरों के बीच चल रहे जिच में सोमवार को एक कैंसर पीड़ित का ऑपरेशन रुक गया. मुसाबनी केंदाडीह निवासी मलती सिंह को स्तन कैंसर है. वह शुक्रवार को अस्पताल में भरती हुई थीं. सोमवार को उसका ऑपरेशन था. उसे ओटी में ले जाया गया लेकिन एनेस्थीसिया डॉक्टर पीके दत्ता द्वारा बेहोशी की दवा नहीं देने से ऑपरेशन टल गया. सर्जरी विभाग के हेड डॉ डीके सिन्हा ने अधीक्षक डॉक्टर एके सिंह से इसकी शिकायत की है. वहीं एनेथीसिया के डॉक्टर पीके दत्ता ने लिखकर दिया कि मरीज का पहले भी ऑपरेशन हो चुका है. एमजीएम एक बेसिक अस्पताल है,
इसलिए इस तरह का ऑपरेशन यहां नहीं हो सकता है. वहीं सर्जन डॉ एमके सिन्हा का कहना है कि ऑपरेशन के लिए मरीज को फीट कर दिया गया था. परिवार वालों ने भी ऑपरेशन के लिए सहमति प्रदान कर दी थी. ऑपरेशन थियेटर में डॉ पीके दत्ता द्वारा एनेथीसिया नहीं देने के कारण उसका ऑपरेशन नहीं हुआ. डॉक्टर ने नहीं किया बेहोश : मालती. सर्जरी वार्ड में भरती मुसाबनी निवासी मालती ने बताया कि उसे स्तन कैंसर है. शुक्रवार को उसे अस्पताल लाया गया था. आज ऑपरेशन के लिए थियेटर ले जाया गया. वहां बेहोशी के डॉक्टर ने बेहोश करने से मना कर दिया. इस कारण मेरा ऑपरेशन नहीं हुआ. मालती ने बताया कि हम गरीब है और दूसरे अस्पताल में इलाज नहीं करा सकते हैं.
किसी भी मरीज का ऑपरेशन करना है या नहीं, यह सर्जन तय करता है. एनेस्थीसिया यह तय नहीं कर सकता है कि किसका ऑपरेशन होना है किसका नहीं. एनेस्थीसिया के डॉक्टर का काम केवल एनेस्थीसिया देना है. मामले की जांच की जायेगी, जो दोषी होगी उस पर कार्रवाई होगी.
डॉ बी भूषण, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल