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झारखंड में फीस रेग्युलरिटी एक्ट जल्द, सरकारी विद्यालयों में भी होगी अंगरेजी माध्यम से पढ़ाई : शिक्षा मंत्री

जमशेदपुर : झारखंड में प्राइवेट स्कूलों में प्रतिवर्ष मनमाने फीस वृद्धि पर अंकुश लगेगा. इसके लिए राज्य में फीस रेग्युलरिटी एक्ट लाया जा रहा है. राज्य में यह एक्ट जल्द ही लागू होगा. यह बात राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कही. वह मंगलवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2017 10:37 PM

जमशेदपुर : झारखंड में प्राइवेट स्कूलों में प्रतिवर्ष मनमाने फीस वृद्धि पर अंकुश लगेगा. इसके लिए राज्य में फीस रेग्युलरिटी एक्ट लाया जा रहा है. राज्य में यह एक्ट जल्द ही लागू होगा. यह बात राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कही. वह मंगलवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रही थीं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों से एक्ट की कॉपी मंगायी गयी है. उसका अध्ययन किया जा रहा है. तमिलनाडु के एक्ट पर विचार किया जा रहा है. उसके आधार पर एक्ट तैयार किया जा रहा है.

शिकायतों का निपटारा करेगी जिला स्तरीय कमेटी
शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने बताया कि जिलों में एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया गया है, जो स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों से मिलनेवाली शिकायतों का निपटारा करेगी. उपायुक्त इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और अभिभावक प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे. यह कमेटी अपने स्तर से शिकायतों का निपटारा करेगी. यदि निपटारा नहीं हो पाता है या स्कूल उसके निर्देशों को नहीं मानते हैं, तो कमेटी उसे झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण के सुपुर्द कर देगी. उसके बाद न्यायाधीकरण उस पर विचार करेगा.

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शिक्षा न्यायाधीकरण का 75 प्रतिशत कार्य पूरा
डॉ नीरा यादव ने बताया कि राज्य में शिक्षा न्यायाधीकरण को मजबूत बनाया जा रहा है. इसका 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि मुख्तार सिंह को चेयरमैन व सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हंसराज सिंह को इसका सदस्य बनाया गया है. एक सदस्य का नियुक्ति की जानी है, जो शिक्षाविद होंगे.

नये सत्र से एनओसी अनिवार्य
शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने बताया कि नये सत्र से सभी स्कूलों के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्गत एनओसी अनिवार्य होगा. इसके लिए स्कूलों से आवेदन आ रहे हैं. वैसे स्कूल, जहां आधारभूत संरचना व सुविधाओं की कमी है, उनके आग्रह पर समय भी दिया जा रहा है, ताकि उसे पूरा कर लें. उन्होंने बताया कि सरकारी निर्देशों व प्रावधानों को स्कूलों के मानना होगा. यदि नहीं मानगें, तो उनका एनओसी रद्द भी किया जा सकता है.

सरकारी विद्यालयों में अंगरेजी होगी अनिवार्य
डॉ नीरा यादव ने कहा कि मध्यम व कमजोर वर्ग के बच्चे भी सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे. विद्यालयों में अंग्रेजी विषय अनिवार्य होगा. इसके अलावा विद्यालयों में बच्चों के लिए विज्ञान, गणित व अंग्रेजी की कोचिंग कक्षाएं संचालित की जायेंगी.

बच्चों के दिमाग से हटानी होगी फेल न होने की मानसिकता
उन्होंने कहा कि एचआरडी में एक बैठक में उनके (डॉ नीरा यादव) द्वारा सुझाव पर फेल न करने की नीति में परिवर्तन किया गया है. अब आठवीं के बजाय छठी कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर भी विचार किया जा रहा है कि इसे और कम करके पहली कक्षा तक किया जाये, ताकि बच्चों व शिक्षकों के दिमाग से आठवीं तक फेल न होने की मानसिकता समाप्त की जा सके और शिक्षक उन्हें कक्षाओं में भलि-भांति पढ़ायें.

प्लस टू की व्यवस्था के बाद अलग होगा डिग्री कॉलेजों से इंटर
एक सवाल पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई अलग की जायेगी, लेकिन इससे पूर्व सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों की व्यवस्था पूरी की जा रही है. यह पूरा होने के पश्चात ही डिगी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होगी.

शिक्षक बहाली में केवल ऑनर्स में 45 प्रतिशत की अनिवार्यता
डॉ नीरा यादव ने बताया कि राज्य में छह माह के अंदर शिक्षक बहाली होगी. इससे पूर्व पहले जहां ऑनर्स व सब्सीडियरी दोनों में 45 प्रतिशत प्राप्तांक की अनिवार्यता थी, उसे समाप्त किया गया है. अब केवल ऑनर्स विषय में कम से कम 45 प्रतिशत प्राप्तांक अनिवार्य है. इसके अलावा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग को भी समाप्त किया गया है.

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